नई दिल्ली। बुखार में ली जाने वाली दवा पैरासिटामोल के सेवन से दमे का खतरा होने की बात सामने आई है।वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि बच्चों को उनके जीवन के शुरुआती दो सालों में बुखार आने पर पैरासिटामोल दवा दी जाती है तो 18 साल की उम्र तक आते-आते उन्हें दमा होने का खतरा बढ़ जाता है। शोध में कहा गया है कि पैरासिटामोल खाने से दमा होने का खतरा उन लोगों में ज्यादा है, जिनमें जीएसटीपी1 जीन होती है। बताया गया है कि हालांकि पैरासिटामोल और दमा के बीच गहरा संबंध है, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि बुखार की दवा लेने से लोगों को दमा हो जाए। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस परिणाम की पुष्टि करने के लिए अभी और शोध करने की जरूरत है। इस निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए शोधार्थियों ने 18 वर्ष तक की आयु के 620 बच्चों का अध्ययन किया। इसमें शामिल किए गए सभी बच्चों के कम से कम एक परिजन को दमा, एक्जिमा (त्वचा रोग) या अन्य एलर्जी संबंधी बीमारी जरूर थी।