अम्बाला। तमिलनाडु में बेंगलोर के दवा निर्माता ने पोवीडिन आयोडीन लिक्व्डि की सरकारी सप्लाई करने का आदेश प्राप्त किया परन्तु दवा सरकार को दी जानी है, कुछ हिस्सा इधर-उधर भी देना होगा। अत: साल्ट में कमी हो तो भी चलेगा, जैसा आमतौर पर होता आया है परन्तु लेबल पर कुछ भी लिख डालो कौन पूछेगा, पर कार्य कर दिया, जाए ऐसी सोच तो नहीं थी पर हो गई। ऐसा नहीं कि दवा निर्माता को गलती का अहसास न हुआ हो परन्तु फ्री में एडवर्टाइजमेंट मिल जाएगी सोच लिया। यह नहीं सोचा कि कम्पनी का नाम काली सूची में स्थान पा लेगा। राज्य सरकार शीघ्र ही इसका निर्णय ले लेगी। इस बारे औषधि नियंत्रक कार्रवाई की तरफ अग्रसर हो रहा है। दिन निकलते ही सेम्पल ले जांच हेतु भेजेंगे मौजूदा स्टॉक को छेड़ा नहीं जाएगा। सरकारी अस्पताल में एक खांसी के मरीज को ये बोतल थमा दी गई। रोगी के तीमारदार ने दवा की कुछ जानकारी होने पर जब साल्ट पढ़ा तो भौचक्का रह गया कि गलती लेबल पर है या दवा में पोवीडिन लिक्वेड जख्म के लिए होती है या गरारे करने के लिए परन्तु खांसी के लिए नहीं। कुछ देर के लिए सोचा नया उत्पाद आया होगा परन्तु ऐसा कुछ भी न था। इस बारे राज्य औषधि नियंत्रक दिल्ली में ड्रग्स कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया की बैठक में व्यस्त थे, सो बात न हो पाई।