बीबीएन। कोरोना महामारी के दौर में औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डाक्टर कोरोना के विशेषज्ञ बने बैठे हैं। ऐसे ही झोलाछाप डाक्टरों पर उपमंडल प्रशासन व राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने औचक निरीक्षण कर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी दौरान शुक्रवार को पंजैहरा बस स्टैंड स्थित एक क्लीनिक पर प्राधिकरण के दवा निरीक्षकों ने छापामारी कर कार्रवाई की है।
शुरुआती पड़ताल में सामने आया है कि यह कथित क्लीनिक अवैध रूप से चलाया जा रहा था ,जिसके पास किसी भी तरह का कोई प्रमाण पत्र नहीं था। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि बीबीएन में चल रहे अवैध क्लीनिकों की जांच के लिए टीम का गठन किया गया है जो कि औचक निरीक्षण कर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण की कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। एसडीएम नालागढ़ महेंद्र पाल ने बताया कि कोरोना की पहली व दूसरी लहर में ग्रामीण क्षेत्रों में हुई मौतों की जांच में पाया गया है कि लोग अपना प्राथमिक इलाज ऐसे ही क्लीनिकों से करवा रहे थे। जिसके बाद तबीयत बिगडऩे पर स्थिति खराब हुई और लोगों की मौतें भी हुई। उन्होंने क्षेत्रवासियों से आग्रह किया कि झोलाछाप डाक्टरों, अवैध क्लीनिकों में जाकर अपना इलाज न करवाएं।
टीम ने कार्रवाई करते हुए क्लीनिक को सील कर आगामी कार्रवाई के लिए भेज दिया है। जबकि एसडीएम नालागढ़ ने क्लीनिक संचालक के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए पुलिस विभाग को आदेश जारी कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण के दवा निरीक्षक कुशल व प्रोमिला ने सुबह करीब 11 बजे क्लीनिक में दबिश देते हुए जांच शुरू की। जब अधिकारियों ने क्लीनिक संचालक से लाइसेंस व डिग्री का प्रमाण मांगा तो कोई संतोषजनक प्रमाण नहीं दिया गया।