बहराइच। एके प्राइवेट अस्पताल में बेहोशी व बच्चों के डॉक्टर ने एक बुजुर्ग के गाल ब्लैडर का ऑपरेशन कर डाला। तीन बार आपरेशन करने के बावजूद बुजुर्ग की मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी व थाना दरगाह में शिकायत की है। वहीं सीएमओ ने जांच कमेटी गठित करते हुए शासन को अस्पताल का लाइसेंस कैंसिल करने के लिए पत्र लिखा है।

पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के हवाले कर दिया। अभी तक पुलिस ने कोई केस नहीं दर्ज किया है। घटना से नाराज मृतक के परिजनों ने अस्पताल के बाहर हंगामा भी किया।

यह है मामला

श्रावस्ती जिले के ग्राम पंचायत मच्छरीवा निवासी कृपाराम यादव (60) ने शहर स्थित एके निजी हॉस्पिटल में गाल ब्लैडर में पथरी का ऑपरेशन कराया था। दो बार ऑपरेशन सफल नहीं हुआ। 20 अप्रैल को डॉक्टर ने तीसरी बार ऑपरेशन कर दिया। इससे इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

परिजन उज्ज्वल मिश्रा ने आरोप लगाया कि उन्होंने 17 फरवरी को कृपाराम का शहर के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया तो एनेस्थीसिया व बच्चों के डॉ. अतुल मिश्रा ने बोला था कि सर्जन को बुलाकर ऑपरेशन करा देंगे। इससे ठीक हो जाओगे। लेकिन सर्जन से ऑपरेशन न कराकर उन्होंने स्वयं ऑपरेशन कर दिया। दो बार ऑपरेशन सफल न होने पर तीसरी बार भी ऑपरेशन कर दिया। इससे कृपाराम की मौत हो गई।

उन्होंने आरोप लगाया कि मरीज की हालत बिगडऩे पर डॉक्टर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह छोटा मोटा ऑपरेशन है। इसे हम खुद ही करते हैं। ऑपरेशन मैंने ही किया है। हॉस्पिटल व मैं इंश्योर्ड हूं। उज्ज्वल ने दावा किया कि उन्होंने डॉक्टर से बातचीत का वीडियो बना लिया था। इसकी शिकायत उन्होंने ऑनलाइन मुख्यमंत्री पोर्टल पर करने के साथ ही जिलाधिकारी व थाना दरगाह में की है।

पैसे लेकर आयुष्मान कार्ड से इलाज

मृतक के पुत्र रंगीलाल ने बताया कि इलाज शुरू करने से पहले डॉक्टर ने 10 हजार रुपये जमा करा लिए थे। इसके बाद आयुष्मान कार्ड से उनके पिता का इलाज शुरू किया गया। डॉक्टर की लापरवाही के कारण ऑपरेशन वाली जगह से यूरिन आ रहा था। इंफेक्शन होने की वजह से उनके पिता की मौत हुई है।

विवादों से घिरा है अस्पताल

डॉ. अतुल मिश्रा की तैनाती पयागपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऐनेस्थीसिया विशेषज्ञ के रूप में है, लेकिन शहर में एके हॉस्पिटल के नाम से नर्सिंग होम भी चला रहे हैं। इसमें बड़ी संख्या में गंभीर बीमारी से पीडि़त बच्चे व अन्य मरीज भर्ती हैं। यह अस्पताल विवादों से घिरा हुआ है। इसके पहले भी मरीजों की मौत पर हंगामा व कार्रवाई हो चुकी है। एक बार हॉस्पिटल सीज भी किया जा चुका है, फिर भी यह अस्पताल चल रहा है।

लाइसेंस कराने के लिए लिखा पत्र

प्रभारी सीएमओ डॉ.राजेश कुमार ने बताया कि डॉ.अतुल मिश्रा पयागपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एनेस्थीसिया के डॉक्टर हैं। मामला संज्ञान में आने पर डॉक्टर का लाइसेंस कैंसिल करने के लिए शासन को पत्र लिखा है। दो सदस्यीय टीम बनाकर वे खुद मामले की जांच कर रहे हैं।