बिजनौर (उप्र)। प्राइवेट हॉस्पिटल्स को लापरवाही बरतना महंगा साबित हुआ है। स्वास्थ्य और नगरपालिका की संयुक्त टीम ने चार अस्पतालों का निरीक्षण किया और जैव चिकित्सा अपशिष्ट का सही निस्तारण नहीं करने पर 65 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
यह है मामला
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुशील कुमार के नेतृत्व में टीम ने अस्पतालों का निरीक्षण किया। डॉ. सुशील कुमार ने बताया कि निरीक्षण के दौरान टीम को सुपर वेदांता मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में कमियों का भंडार मिला। जिस रीजेंट से पैथोलॉजी लैब में जांच होती है, वह एक्सपायर मिला।
कई दवाइयां भी एक्सपायर मिली। इसके अलावा प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध नहीं था। साथ ही, जैव चिकित्सा अपशिष्ट का सही निस्तारण नहीं होने पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
एमएस हॉस्पिटल में खुले में मिला जैव चिकित्सा अपशिष्ट
बिजनौर में ही नूरपुर रोड स्थित एमएस हॉस्पिटल में खुले में ही जैव चिकित्सा अपशिष्ट पड़ा मिला। इसके चलते अस्पताल पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। वहीं, कुंदन हॉस्पिटल में रखे डिब्बे जैव चिकित्सा अपशिष्ट से भर गए थे। बदबू भी आ रही है। इस वजह से अस्पताल पर टीम ने 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
लाइफ लाइन हॉस्पिटल पर 15 हजार जुर्माना
लाइफ लाइन हॉस्पिटल में जैव चिकित्सा अपशिष्ट को नगरपालिका के कूड़ेदान में रखा था। इस पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। इस मौके पर डॉ. हितेंद्र कुमार, आलोक कुमार, नगरपालिका से संदीप कुमार मौजूद रहे।
बिजनौर के अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुशील कुमार का कहना है कि जिले में जैव चिकित्सा अपशिष्ट का सही निस्तारण नहीं करने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जा रही है। लगातार लापरवाही करने वाले अस्पतालों पर जुर्माने की राशि दोगुनी की जाएगी।