हरहुआ (वाराणसी)। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कई कार्टन दवा जलाने के मामले की ग्रामीणों नें सीएमओ से शिकायत की है। मामले की जांच डॉ. राहुल मौर्य को सौंपी गयी है। जानकारी के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के आवासीय परिसर में आवासों के पीछे से अचानक धुआं उठने लगा। ग्रामीणों ने देखा तो दवाएं जलाई जा रही थीं। इनमें टैबलेट, प्रेगनेंन्सी किट, वैक्सीन वायल, घाव का पाउडर, डिस्ट्रिल्ड वाटर, नार्मल सेलाइन, इंजेक्शन, ओआरएस पैकेट, बुखार के सिरप सहित अन्य दवाओं के जलने से जहरीला धुंआ उठ रहा था।
दवा की शीशियां तेज आवाज के साथ फट रही थी। ग्रामीणों ने फोन कर सीएमओ को जानकारी देने के साथ ही पुलिस को भी सूचना दी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अस्पताल से दवा न देकर बाहर से खरीदने के लिए पर्चा लिखा जाता है। ऐसे में इतनी मात्रा में दवाओं को कैसे जलाया जा रहा है। ग्रामीणों को पता चला कि अस्पताल में इनहेलर भी आता है। ग्रामीणों की सूचना पर अस्पताल पहुंचे डायल 112 के पुलिसकर्मियों ने प्रभारी और ग्रामीणों से पूछताछ की। लोगों को शांत कराने के बाद ही सीएमओ व अन्य उच्चाधिकारियों से शिकायत करने को कहा।
बता दें कि हरहुआ और वाजिदपुर गांव के ग्रामीणों ने बताया कि पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। साजिद, हाकिम, सोनू चांद, शेरू, सोनू यादव, विक्की जायसवाल, राजेश जायसवाल सहित अन्य लोगों ने बताया कि दवाओं के जलाए जाने पर निकलने वाले जहरीले धुएं से लोग परेशान हो जाते हैं। अधिकारियों से शिकायत करने पर कार्रवाई नहीं की जाती है।
सीएमओ डॉ. वीबी सिंह ने कहा कि मामले की जांच करवा कर दोषी कर्मचारी खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। पीएचसी प्रभारी डॉ. आरके सिंह ने कहा कि दवाओं की तिथि समाप्त हो चुकी थी फिर भी उसे जलाना नहीं चाहिए था। ग्रामीणों साजिद, हाकिम, सोनू चांद, शेरू, सोनू यादव, विक्की जायसवाल, राजेश जायसवाल सहित कई लोगों ने बताया कि दवाओं के जलाए जाने पर निकलने वाले जहरीले धुएं से लोग परेशान हो जाते हैं।