नई दिल्ली। कोरोना वायरसमें प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग से स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर ने राज्य सरकारों को सावधान किया है। मंत्रालय ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी अभी सिर्फ प्रयोग के चरण में है। और इसका प्रयोग कोविड-19 के इलाज में किया जा सकता है इसका कोई सबूत नहीं है। जब तक यह थेरेपी वैज्ञानिक रूप से इलाज में कारगर साबित नहीं होती। तब तक यह सिर्फ रिसर्च और क्लीनिकल ट्रायल में ही इस्तेमाल होगी और इसके अलावा किसी तरह से इसका इस्तेमाल गैरकानूनी होगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पूरी दुनिया में कोरोना का कोई भी इलाज उपलब्ध नहीं है। पूरी दुनिया के वैज्ञानिक कोरोना के इलाज के अलग-अलग ट्रायल कर रहे हैं। प्लाज्मा थेरेपी भी उन्हीं में से एक है। इस बात का भी कोई प्रमाण नहीं मिला है कि इस थेरेपी से कोरोना पूरी तरह ठीक हो जाएगा। हालांकि अमेरिका की फेडरल ड्रग एजेंसी भी इसे प्रायोगिक थेरेपी के रूप में देख रही है। आईसीएमआर के अनुसार बिना सोचे समझे प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना का इलाज मरीज के लिए घातक साबित भी हो सकता है।