इंदौर। फर्जी अस्पताल पर छापामारी कर उसे सील किया गया है। जांच के दौरान अस्पताल में मानव अंग भी पाए गए हैं। सिलिंग की यह कार्रवाई चितावद में बने देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पर की गई है। रेड के दौरान यह भी पता चला है कि यहां पर फर्जी डॉक्टर इलाज कर रहे थे।

यह है मामला

स्वास्थ्य विभाग को शिकायतें मिल रहीं थी कि देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पर बीएचएमएस, बीईएमएस, बीडीएस डॉक्टर खुद को विशेषज्ञ बताकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज कर रहे हैें। स्वास्थ्य विभाग ने रेड कर जांच के बाद अस्पताल संचालकों, प्रबंधकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी है।

बिना रजिस्ट्रेशन चला रहा था भवन

कलेक्टर आशीष सिंह के आदेश पर एसडीएम जूनी इंदौर घनश्याम धनगर व एसडीएम प्रियंका चौरसिया की टीम ने एक मार्च को इसकी जांच की थी। जांच में यहां पर कई कई गंभीर लापरवाही मिली हैं। जांच में यह भी पता चला है कि संस्था का का पंजीयन भी नहीं है। नगर निगम अस्पताल की बिल्डिंग की भी जांच करेगा।

पंजीयन के बिना संचालित मिली पैथोलॉजी

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मरीजों की शिफ्टिंग के बाद अस्पताल को सील कर दिया। जांच में अस्पताल का न कोई प्रमाण-पत्र था और न ही एनओसी। यहां पैथोलॉजी भी अवैध मिली। निरीक्षण में मानव अंग भी मिले हैं जिन्हें फार्मलीन में रखा हुआ था।

अस्पताल प्रबंधक ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सक होने के बावजूद अपने नाम के आगे डॉक्टर और अंत में कैंसर स्पेशलिस्ट लिख रखा था। जांच में पता चला है कि व्यावसायिक भवन अनुमति, पॉल्यूशन कंट्रोल, हास्विन, इलेक्ट्रिक सेफ्टी, फायर सेफ्टी से संबंधित प्रमाण पत्र नहीं थे।