आलीराजपुर / यूपी
नगर में स्वास्थ्य विभाग ने फर्जी डॉक्टरों पर कार्रवाई की। इस दौरान एक क्लिनिक को बंद करवाया गया। शेष सभी फर्जी डॉक्टर कार्रवाई की जानकारी मिलने पर भाग गए। प्रशासनिक एवं विभागीय आदेश होने के बावजूद जिले के प्रशासनिक अमले एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा फर्जी चिकित्सकों पर कार्रवाई नहीं की जा रही थी। स्वास्थ्य विभाग के हरकत में आने के बाद दल-बल के साथ कार्रवाई करने के लिए निकल पड़ा। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर नानावरे व एसडीएम शैलेंद्र हिनोदिया ने दल-बल के साथ सोमवार को कार्रवाई शुरू की। सीएमएचओ नानावरे का कहना है कि सबकुछ ठीक रहा तो आगामी दो माह में जिले से फर्जी डॉक्टरों का नामोनिशान मिट जाएगा।
खुद को डॉक्टर बताकर कर रहे हैं प्रेक्टिस-शहर मे ऐसे लोग भी हैं, जो खुद को डॉक्टर बताकर उपचार कर रहे हैं। ये किसी अस्पताल में ड्रेसर, कंपाउंडर या फील्ड सुपरवाइजर के तौर पर काम कर चुके हैं। शहर में 20 से अधिक झोलाछाप डॉक्टर स्वयं को रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर और गुप्त रोग विशेषज्ञ बताकर प्रैक्टिस कर हैं।
यह हैं कार्रवाई के प्रावधान – शासन के नियमानुसार बिना पंजीयन चिकित्सा कार्य करना अपराध है। उल्लंघन करने पर जुर्माना एवं 3 महीने के कठोर कारावास का प्रावधान है। चिकित्सा शिक्षा संस्थान अधिनियम 1973 की धारा -7 ग के अनुसार डॉक्टर शब्द का उपयोग अपात्र व्यक्ति द्वारा करने पर अधिनियम की धारा 8 (2) के अनुसार 3 वर्ष तक के कठोर कारावास एवं 50 हजार रु. का जुर्माने का प्रावधान है।
सी.एम.एच.ओ. का कहना है कि फर्जी डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की शुरुआत कर दी गई है। जल्द ही अभियान के माध्यम से जिलेभर के फर्जी चिकित्सकों पर कार्रवाई की जाएगी। चिकित्सकों को अपनी डिग्रियां प्रस्तुत करने को कहा है। यदि वे प्रस्तुत नहीं कर पाए तो पुलिस कार्रवाई होगी।