फैजाबाद। नशीली दवाओं पर रोक लगाने के मामले में ‘तू डाल डाल-मैं पात पात’ वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। स्वास्थ्य विभाग ने नारकोटिक्स दवाओं की बिक्री पर नकेल कसी तो नशेडिय़ों ने भी इन नशीली दवाओं को खरीदने का नया तरीका खोज निकाला। अब वे नशे की दवाएं खरीदने के लिए चिकित्सकों के नकली पर्चे का इस्तेमाल कर रहे है। शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सक शिवेंद्र सिन्हा के नाम से नकली पर्चा बनाकर नारकोटिक्स की दवाएं खरीदने के मामला सामने आने पर इसका खुलासा हुआ। मेडिकल स्टोर संचालक की सजगता से यह खेल पकड़ में आया।
डॉ. सिन्हा ने कैंट थाना में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। कैंट थाना क्षेत्र के हौसलानगर निवासी डॉ. सिन्हा का कहना है कि एक माह पहले उनके मोबाइल पर एक मेडिकल स्टोर से फोन आया कि मेरे पर्चे पर नारकोटिक्स की दवाएं ली जा रही हैं। पर्चे पर वो दवाएं लिखी थीं, जिन्हें डॉ. सिन्हा लिखते ही नहीं। वाट्सएप के जरिये डॉ. सिन्हा ने पर्चा अपने मोबाइल पर मंगाया। पर्चा देखते ही उनके होश उड़ गए। उनके नाम के पर्चे पर उन्हीं की हैंड राइङ्क्षटग की कॉपी करके दवाएं लिखी गई थीं।
उन्होंने अपने स्टाफ से पता किया तो पता चला कि वाट्सएप पर मिला पर्चा उनके क्लीनिक से जारी ही नहीं हुआ है। कुछ दिन बाद फिर एक मेडिकल स्टोर संचालक ने उन्हें फोन कर बताया कि उनके पर्चे पर एक व्यक्ति तीन माह की नारकोटिक्स दवाएं लेने आया है। चिकित्सक ने संबंधित मेडिकल स्टोर से उस व्यक्ति को रोककर रखने के लिए कहा और पुलिस की मदद से आरोपी को गिरफ्तार करवाया। पकड़ा गया व्यक्ति एक मजदूर निकला। डॉ. सिन्हा ने बताया कि वह किसी के कहने पर दवा खरीदने आया था। पूछताछ में एक प्रिंटिंग प्रेस से चार बंडल दवा के पर्चे भी बरामद हुए। थाना प्रभारी कैंट का कहना है कि मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।