गुरुग्राम, अंबाला, बृजेंद्र मल्होत्रा। गुरुग्राम के थाना पटौदी के अंतर्गत फर्कपुर नगर के इंडस्ट्रियल एरिया में सुन्दर व संदीप नामक दो पार्टनरों ने दिल्ली के दलाल से 40 हजार रुपए में बनवाए प्रमाणपत्रों की सत्यता परखे बिना ही सेनेटाइजऱ बनाना और बेचना शुरू कर दिया।

 

इन्होंने कुछ ही दिनों में 18 लाख रुपए के सेनेटाइजर बनाकर राज्य में बेच भी दिए। जिला औषधि अधिकारी अमनदीप चौहान के संज्ञान में मामला आया तो उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को जानकारी दी व मुख्यालय पंचकूला से मिली रणनीति के तहत स्थानीय पुलिस को साथ ले दबिश दी। मौके पर कहीं नहीं लग रहा था कि निर्माण कार्य कुछ दिन पूर्व ही शुरू किया गया हो। अल्कोहल व अन्य ड्रमों से लेबल गायब मिले तथा भारी मात्रा में खाली शीशियां, लेबल, ढक्कन ,पेटियां मिली। जब सेनेटाइजऱ बनाने के लिए एफड़ीए की तरफ से जारी अनुमति पत्र की मांग की तो कुछ कागज़ जो दलाल ने उपलब्ध करवाए थे, डीसीओ अमनदीप के सामने प्रस्तुत कर दिए जो प्रथम दृष्टया ही गलत प्रतीत हो रहे थे। जब उनकी सत्यता हेतु विभाग की साइट पर जांचा तो फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो गया। 500 एमएल की बोतलों व 5 लीटर की केनियों पर कमियां व्याप्त थी। अत: मुख्यालय के संज्ञान में वस्तु स्थिति की जानकारी दे आगामी कार्यवाही के दिशा निर्देशों अनुसार सुन्दर व संदीप के खिलाफ ड्रग्स एन्ड कॉस्मेटिक की धाराओं की उल्लंघना व अन्य धाराओं के तहत एफ़आईआर दर्ज करवाने की कार्यवाही को अंतिम रूप दिया गया। मौके पर अमनदीप ने बताया कि बिना लाइसेंस के निर्माण व फज़ऱ्ी कागजातों के माध्यम से उत्पाद विक्रय करने की विभिन्न धाराओं के तहत पुलिस को आगामी कार्यवाही के लिए लिखा गया है। इस मामले में सुंदर व संदीप ने बताया कि वे बेरोजगार थे। रोजगार की तलाश में थे, सो सेनेटाइजऱ के माध्यम से रोजगार की रोशनी दिखाई दी। उन्हें नहीं पता था कि जिन कागजों के माध्यम से वे काम कर रहे हैं, वे गलत है।