पटना। ड्रग विभाग की टीम ने एम्स के नजदीक जन औषधि केंद्र के फर्जी लाइसेंस पर चल रही दवा दुकान का भंडाफोड़ किया है। खास बात यह है कि इस दुकान को एम्स में आउटसोर्सिग एजेंसी के अधीन काम करने वाला एक कर्मचारी ही चला रहा था। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि छापेमारी के दौरान दुकानदार ने फर्जी एनजीओ द्वारा निर्गत प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का लाइसेंस दिखाया। पूछताछ में मालूम हुआ कि दुकानदार पुरुषोत्तम कुमार एम्स का आउटसोॄसग स्टाफ है। पुरुषोत्तम के मुताबिक एक एनजीओ ने प्रशिक्षण का झासा देकर उससे 30 हजार रुपये ठग लिये। इसी एनजीओ ने 20 हजार रुपये लेकर उसे फर्जी लाइसेंस थमाया था। स्थानीय पुलिस की मदद से दवा दुकानदार को गिरफ्तार करने के बाद ड्रग विभाग की दूसरी टीम ने ठगी करने वाले एनजीओ के रामकृष्णानगर स्थित कार्यालय पर भी छापेमारी की। छापेमारी की भनक लगते ही एनजीओ संचालक अभिमन्यू कुमार व मोतीलाल वहां से फरार हो गए। छापेमारी दल ने दवा दुकान से प्रेडिनीसोलोन टेबलेट व ग्लेनकॉफ सिरप जब्त कर प्रयोगशाला में जाच के लिए भेजा है। साथ ही दवा दुकान और एनजीओ कार्यालय को सील कर दिया गया है। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि एनजीओ संचालक और दुकानदार पर मामला दर्ज किया गया है। गौरतलब हो कि एम्स के नजदीक एक सप्ताह के अंदर ड्रग्स विभाग की यह दूसरी छापेमारी है। अब तक बिना लाइसेंस के दुकान चला रहे दो दुकानदारों को गिरफ्तार किया जा चुका है।