मंडी। फर्जी सर्टिफिकेट के सहारे फार्मासिस्ट की नौकरी लगने का मामला सामने आया है। इस बारे में मंडी थाने में केस दर्ज किया गया है। केस में मुख्य आरोपी वेटरिनरी फार्मासिस्ट के अलावा हलका पटवारी और तत्कालीन पशुपालन विभाग के निदेशक के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है।
यह है मामला
जानकारी अनुसार विजिलेंस विभाग को शिकायत मिली थी। इसके बाद विजिलेंस थाना मंडी के इंस्पेक्टर मुनीष कुमार ने मामले की जांच की तो शिकायत सही पाई। पता चला कि आरोपी ने 2017 में वेटरिनरी फार्मासिस्ट की नौकरी पाने के लिए वार्ड ऑफ एक्स सर्विसमैन कोटे के तहत आवेदन किया था।
इसके लिए उसने हलका पटवारी से वार्ड ऑफ एक्स सर्विसमैन का प्रमाण पत्र हासिल किया। इसे हलका पटवारी ने बिना किसी जांच के जारी कर दिया। जबकि आरोपी के पिता पहले ही एक्स सर्विसमैन कोटे के तहत 2012 में प्लंबर की सरकारी नौकरी पा चुके थे। नियमानुसार एक्स सर्विस मैन कोटे के तहत किसी परिवार में एक ही व्यक्ति सरकारी नौकरी प्राप्त करने का लाभ ले सकता है।
हैरानी की बात है कि इस प्रमाणपत्र की जांच नियुक्ति के समय पशुपालन विभाग ने भी नहीं की। एसपी मंडी विजिलेंस कुलभूषण वर्मा ने बताया कि तत्कालीन पशुपालन विभाग के निदेशक भर्ती कमेटी के चेयरमैन भी थे। उनके द्वारा इस प्रमाणपत्र की जांच एसडीएम सरकाघाट और एक्स सर्विस मैन बोर्ड हमीरपुर से करवानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
उस समय पशुपालन विभाग के उपनिदेशक हमीरपुर द्वारा भी बिना वेरीफिकेशन के प्राथी को ज्वाइनिंग दे दी गई। फिलहाल पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी है और कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जा रही है।