मुंबई। महाराष्ट्र में 500 से अधिक मेडिकल स्टोर बिना फार्मासिस्ट के चल रहे हैं। इनमें से 122 मुंबई में हैं। नियमानुुसार, फार्मासिस्ट के बगैर मेडिकल स्टोर शुरू नहीं किया जा सकता। एफडीए के ढुलमुल रवैये के कारण बगैर फार्मासिस्ट के मेडिकल स्टोर का धंधा फल-फूल रहा है। बता दें कि बीमारी के बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों के अलावा फार्मासिस्ट की भी अहम भूमिका होती है। बगैर फार्मासिस्ट के न केवल गलत दवाइयां मरीजों को मिलने की संभावना होती है, बल्कि इससे मरीजों की जान तक को खतरा बना रहता है। बावजूद इसके इतनी बड़ी संख्या में बगैर फार्मासिस्ट के मेडिकल स्टोर चलना मरीजों के साथ खिलवाड़ है।
महाराष्ट्र एफडीए के ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, फिलहाल मुंबई, ठाणे, पालघर सहित राज्य के कई जिलों में 500 से अधिक मेडिकल स्टोर बगैर फार्मासिस्ट के चल रहे हैं। वहीं, कई फार्मासिस्ट ऐसे भी हैं, जो एक से अधिक मेडिकल स्टोरों से जुड़े हैं। जानकारी निकालने वाले ऑल इंडिया फूड एंड ड्रग लाइसेंस होल्डर फाउंडेशन (एआईएफडीएलएचएफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय पांडेय ने कहा कि बिना फार्मासिस्ट मेडिकल स्टोर संचालित होना सीधे एफडीए की लापरवाही है।
ताज्जुब की बात यह है कि इन मेडिकल स्टोरों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई भी नहीं हुई है। बता दें कि एफडीए के नियमानुसार, कोई भी मेडिकल स्टोर बगैर फार्मासिस्ट के नहीं चलाया जा सकता। अगर ऐसा होता है तो एफडीए स्टोर का लाइसेंस निरस्त कर सकती है।
एफडीए ड्रग विभाग ग्रेटर मुंबई के जॉइंट कमिश्नर डी. आर. गहाने ने कहा कि मेडिकल स्टोर वालों की तरफ से समय पर जानकारी न दिए जाने के कारण ऐसा होता है। नियम के अनुसार, अगर कोई फार्मासिस्ट मेडिकल स्टोर छोडक़र जाता है तो स्टोर मालिक को इसकी जानकारी तुरंत एफडीए को देनी होती है। साथ ही, जब मेडिकल स्टोर पर कोई नया फार्मासिस्ट जॉइन होता है तो उसकी भी जानकारी एफडीए को देनी होती है। अक्सर मेडिकल स्टोर वाले इसकी जानकारी नहीं देते। इस बारे में समय-समय पर उन पर कार्रवाई भी होती है।