नई दिल्ली। केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने एक जुलाई को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। एसोसिएशन महासचिव हरिनंदन प्रसाद यादव ने बताया कि राज्य में फार्मासिस्टों की काफी कमी है। इसकी जानकारी राज्य औषधि नियंत्रण प्रशासन को कई बार दी जा चुकी है। इसके बावजूद विभागीय पदाधिकारी दवा दुकानदारों को फार्मासिस्ट की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के नाम पर प्रताडि़त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के दूसरे राज्यों में काफी पहले ही फॉर्मेसी संस्थान को विकसित किया गया है, जिससे वहां आज फार्मासिस्ट की कोई समस्या नहीं है। झारखंड में पिछले एक वर्ष में लगभग 50 एवं उत्तर प्रदेश में लगभग तीन सौ संस्थानों को मान्यता दी गई है। उन्होंने कहा कि दवा व्यापारियों को अपनी दुकान में फार्मासिस्ट रखने में कोई परेशानी नहीं है। लेकिन दुकानों की संख्या के अनुपात में राज्य में फार्मासिस्टों की उपलब्धता काफी कम है। राज्य के ज्यादातर फार्मासिस्ट छोटे शहर एवं दूर-दराज के कस्बे की दुकानों में अपना योगदान न देकर बड़े शहर या फिर बड़ी दवा कंपनियों एवं सरकारी नौकरी में लगे हैं। इस बात को जानते हुए भी राज्य औषधि नियंत्रण प्रशासन ने नोटिफिकेशन जारी किया है। उन्होंने कहा कि पदाधिकारियों के उत्पीडऩ के विरोध में संघ एक जुलाई को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेगा। धर्मशाला में संघ के कार्यकर्ता एवं दुकानदार एकत्रित होकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे। इसके बाद भी अगर हमारी मांगें नहीं मानी गयी तो 20 जुलाई से जिले के सभी थोक दवा विक्रेता निर्माता कंपनियों से दवाओं की खरीददारी अगले निर्णय तक बंद रखेंगे। जबकि 16 अगस्त से जिले के सभी खुदरा दवा विक्रेता निर्माता कंपनी से किसी प्रकार की दवाई की खरीदारी बंद करेंगे। सरकार द्वारा पहल नहीं करने की स्थिति में एक सितंबर से जिले के सभी वितरक, थोक एवं खुदरा दवा विक्रेता अनिश्चितकालीन दुकान बंद रखेगे।