वाराणसी। फार्मासिस्ट को मरीज के लिए बाहर से ड्रिप मंगाना महंगा पड़ गया। मामला संज्ञान में आने पर उसे सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, प्रभारी चिकित्सक पर भी कार्रवाई किए जाने की तलवार लटक गई है।

यह है मामला

बांसडीह के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर डीएम रविंद्र कुमार ने औचक निरीक्षण किया। अनियमितता पाए जाने पर उन्होंने फार्मासिस्ट को सस्पेंड करने और प्रभारी चिकित्सक पर विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए। साथ ही मौके पर गैरहाजिर रहे खंड विकास अधिकारी का वेतन रोकने के लिए कहा है।

डीएम ने सीएचसी के फार्मासिस्ट और प्रभारी चिकित्सक से स्वास्थ्य केंद्र के संचालन व खंड विकास अधिकारी कार्यालय के लेखाकार से व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। सीएचसी के निरीक्षण के दौरान आपातकाल कक्ष में अव्यवस्था मिली। मरीजों के बेड पर कंबल नहीं था।

प्रभारी चिकित्सक पर विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश

फार्मासिस्ट

एक तीमारदार ने बताया कि दवाएं और मरीज के लिए बोतल बाहर से मंगवाई गई है। इस पर जिलाधिकारी ने प्रभारी चिकित्सा और फार्मासिस्ट से नाराजगी जताई। उन्होंने फार्मासिस्ट को सस्सेंड करने और प्रभारी चिकित्सक पर विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, दवा स्टोर रूम में दवाओं को बेतरतीब ढंग से रखने और साफ सफाई को लेकर भी जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई। उन्होंने तीन दिन के अंदर साफ-सफाई और दवाओं की उपलब्धता की रिपोर्ट एसडीएम बांसडीह को देने को कहा। डीएम ने प्रभारी चिकित्सक को 15 दिनों में सारी व्यवस्थाएं सही करने के आदेश दिए हैं।

विकास के लिए आई राशि हो गई डंप

निरीक्षण के दौरान उपस्थिति, मूवमेंट और ग्रांट रजिस्टर की जांच भी की गई। खंड विकास अधिकारी हस्ताक्षर करके मौके से गायब मिले। जिलाधिकारी ने उनका वेतन रोकने के लिए कहा है। जब ग्रांट रजिस्टर चेक किया तो पता चला कि विभिन्न मदों जैसे सांसद निधि, विधायक निधि, केंद्र और राज्य वित्त में आवंटित धनराशि डंप पड़ी है। उन्होंने उसके खर्च के बारे में खंड विकास अधिकारी से पूरी कार्य योजना मांगी है।