मसूरी। उत्तराखंड में उद्योगों के सहयोग से एक औषधि कोष (मेडिकल बैंक) बनाया जाएगा। इसके अलावा औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम के अंतर्गत निर्गत किए जाने वाले गुड्स मैन्यूफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज (जीएमपी) व मार्केट स्टैंडिंग सर्टिफिकेट (एमएससी) की वैधता भी एक वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष की जाएगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एसोसिएशन ऑफ देवभूमि फार्मा इंडस्ट्रीज उत्तराखंड की ओर से आयोजित इंडस्ट्री इंट्रैक्शन प्रोग्राम में की। सीएम ने फार्मा इंडस्ट्री को दर्जनभर से अधिक रियायतें देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि औषधि विभाग के सुदृढ़ीकरण का नया ढांचा जल्द ही कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा। आयुर्वेदिक औषधि निर्माण एवं नियंत्रण विभाग के अधिकारी केंद्रीय औषधि मानक संगठन के अधिकारियों से समन्वय बनाकर विभाग से संबंधित समस्याओं का निदान करेंगे। सीएम ने लाइसेंस के लिए सिंगल विंडो सिस्टम, सेलाकुई क्षेत्र में स्थित पुलिस चौकी का उच्चीकरण कर थाना बनाने, भगवानपुर में ईटीपी स्थापित करने तथा ऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की भी घोषणा की। इससे पहले एसोसिएशन ऑफ देवभूमि फार्मा इंडस्ट्रीज उत्तराखंड के चेयरमैन संदीप जैन, अध्यक्ष पंकज गुप्ता आदि ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने फार्मा उद्योग को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। किया। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि सरकार कनेक्टिविटी सुधारने पर विशेष ध्यान दे रही है। मुख्य सचिव ने फार्मा इंडस्ट्री से जुड़े व्यवसायियों को आगामी चार व पांच अक्टूबर को दून में होने वाली इनवेस्टर्स मीट में शामिल होने का न्योता भी दिया। इस मीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद होंगे। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया डॉ. एस ईश्वर रेड्डी ने फार्मा इंडस्ट्रीएलिस्ट को अपने उत्पादों में क्वालिटी पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया।