चंडीगढ़। फार्मा कंपनी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रेड की है। यह छापामारी कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में चंडीगढ़ स्थित एक दवा कंपनी और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ की गई है। ईडी ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर और पंजाब में करीब एक दर्जन स्थानों पर छापामारी की हैे।

ईडी ने पहले पैराबोलिक ड्रग्स के प्रवर्तकों- विनीत गुप्ता (54) और प्रणव गुप्ता (56) एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट सुरजीत कुमार बंसल (74) को धनशोधन निवारण अधिनियिम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत अरेस्ट किया था। बता दें कि विनीत एवं प्रणव गुप्ता हरियाणा के सोनीपत स्थित अशोक विश्वविद्यालय के सह-संस्थापक भी हैं।

बैंक ऋण धोखाधड़ी

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 2021 में 1,626 करोड़ रुपये की बैंक ऋण धोखाधड़ी में उनकी कथित संलिप्तता के लिए उनके और कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उसके बाद दोनों ने 2022 में अशोक विश्वविद्यालय में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। ईडी ने पिछले साल जनवरी में उनके खिलाफ धनशोधन का केस दर्ज किया था।

प्रवर्तन निदेशालय ने अक्टूबर में कोर्ट को बताया था कि कंपनी के दो गिरफ्तार निदेशक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ऋण या वित्तीय सुविधाएं प्राप्त करके बैंकों को धोखा देने में शामिल रहे थे। दोनों आरोपियों ने अन्य कंपनियों के नाम पर सरकारी सेवाओं का लाभ उठाया। इन्होंने प्राथमिक प्रतिभूति का मूल्य अवैध रूप से बढ़ा दिया था। इसके खिलाफ बैंक द्वारा आहरण की अनुमति दी गई थी।

एजेंसी ने बताया था कि उनके आदेश और नियंत्रण में, पैराबोलिक ड्रग्स लिमिटेड ने नकली और असंबद्ध माल चालान जारी किए और अवैध रूप से मुखौटा कंपनियों से प्रविष्टियां प्राप्त कीं। बंसल ने अपनी चार्टर्ड अकाउंटेंसी फर्म एस. के. बंसल एंड कंपनी के माध्यम से ‘पैराबोलिक ड्रग्स लिमिटेड को गलत प्रमाणपत्र जारी किए। इनका प्रयोग बैंकों के समूह (कंसोर्टियम) से ऋण लेने में किया गया था।

ईडी ने तीनों की हिरासत की मांग की थी

ईडी ने तीनों की हिरासत की मांग करते हुए अदालत को बताया था कि उनकी अवैध गतिविधियों और ऋण निधि के दुरुपयोग से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और अन्य कंसोर्टियम बैंकों को 1,626.7 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।