अहमदाबाद। मेडिकल स्टोर का लाइसेंस किराए पर देकर नौकरी करने वाले फार्मासिस्ट के विरुद्ध गुजरात राज्य फार्मेसी काउंसिल ने कड़ी कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं। काउंसिल ने ऐसे 3000 फार्मासिस्ट को नोटिस जारी किया है जो अपना मेडिकल स्टोर का लाइसेंस किराए पर देकर दूसरी जगह नौकरी कर रहे हैं।
ऐसे ही मामले में सबूत हाथ लगने पर 103 फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन भी काउंसिल ने रद्द कर दिया है। बीते 6 महीने में 241 फार्मासिस्ट के रजिस्ट्रेशन काउंसिल की ओर से रद्द किए जा चुके हैं। गुजरात राज्य फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष मोंटू पटेल ने बताया कि काउंसिल के ध्यान में आया कि मेडिकल स्टोर का लाइसेंस रखने वाले फार्मासिस्ट स्टोर पर नहीं बैठकर अन्यत्र नौकरी कर रहे हैं। स्टोर पर उनकी जगह कोई अन्य व्यक्ति दवाइयां देता है। ऐसा करना नियमों के विरुद्ध है। इस कारण इस मामले को काफी गंभीरता से लिया गया है। हाल ही में काउंसिल की आयोजित बैठक में जिन फार्मासिस्ट के खिलाफ सबूत पाए गए हैं उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है, ऐसे फार्मासिस्ट की संख्या 103 है। बीते 6 महीनों में 241 फार्मासिस्ट के विरुद्ध ऐसी कार्यवाही करते हुए उनका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा चुका है।
पटेल ने कहा कि काउंसिल ने ऐसे मामले ध्यान में आने के बाद फार्मा कंपनियों में काम करने वाले फार्मासिस्ट का ब्यौरा मांगा था। इसमें ध्यान में आया कि कई फार्मासिस्ट ऐसे हैं जिनके नाम पर मेडिकल स्टोर भी चल रहे हैं और वे अन्य जगहों पर काम कर रहे हैं। ऐसे तीन हजार फार्मासिस्ट को नोटिस जारी किया है। इन फार्मासिस्ट के जवाब मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। बीते वर्ष केवल 70 फार्मासिस्ट के विरुद्ध शिकायत मिलने पर जांच कर उनके रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए थे। इस वर्ष यह आंकड़ा 3 गुना से भी ज्यादा पर पहुंच चुका है।
पटेल ने बताया कि ड्रग एवं कॉस्मेटिक एक्ट,1948 के प्रावधानों के तहत फार्मासिस्ट के मार्गदर्शन के बाद ही मेडिकल स्टोर से दवाइयों की बिक्री की जा सकती है। जिसके नाम मेडिकल स्टोर का लाइसेंस है उस लाइसेंस को गेट के पास ही लगाना होता है। आम लोगों को भी स्टोर से दवाई लेते समय ध्यान रखना चाहिए कि रजिस्टर और लाइसेंस वाला व्यक्ति ही दवाई दे रहा है या नहीं। फार्मासिस्ट की जिम्मेदारी काफी अहम है और उन्हें इस प्रकार की लापरवाही बरतने नहीं दी जाएगी। पटेल ने दावा किया कि पूरे भारत में गुजरात राज्य फार्मेसी काउंसिल ही एक मात्र ऐसी फार्मेसी काउंसिल है जिसने इस वर्ष इतनी बड़ी संख्या में नियमों की अनदेखी करने वाले फार्मासिस्ट के विरुद्ध कार्यवाही की है। यह कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी।