अम्बाला। हरियाणा स्टेट फार्मेसी कॉउंसिल ने अपनी ही कॉउंसिल के निलंबित चेयरमैन केसी गोयल को उन्हीं की कार्यप्रणाली अनुसार एक नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि आप जून 2014 से 2017 तक कॉउंसिल के चेयरमैन के रूप में पंचकूला कार्यालय में सप्ताह के 3-4 दिन ही रहते थे तथा इस दौरान नरवाना के अपने गोयल मेडिकल स्टोर पर एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट के रूप में तैनात भी थे।
इसकी पुष्टि औषधि प्रशासन के रिकॉर्ड अनुसार सामने आई। आपने स्वयं भी राज्य विजिलेंस को लिखित रूप में दिया कि बतौर चेयरमैन कॉउंसिल कार्यालय में सप्ताह के 3 से 4 दिनों तक आते थे और कोर्ट केस के दौरान भी नरवाना से चंडीगढ़ आते थे। साथ ही कॉउंसिल से आने-जाने तथा खाने-पीने का खर्चा भी लेते थे। आपने कॉउंसिल एवं कोर्ट की व्यस्तता के चलते कभी भी औषधि प्रशासन को जानकारी नहीं दी कि आप फलां दिन दुकान से अनुपस्थित रहेंगे। आपने कॉउंसिल के चेयरमैन होते हुए औषधि प्रशासन तथा विजिलेंस को अंधेरे में रखा और कॉउंसिल से पूरा खर्चा भी लिया। जबकि एक इंसान एक समय एक जगह ही उपस्थित रह सकता है।
आप दोनों जगह रिकॉर्ड अनुसार उपस्थित रहे, ऐसे में क्यों न आपका डिप्लोमा इन फार्मेसी प्रमाण पत्र 738 को रदद् कर दिया जाए। इस बारे में स्पष्टीकरण पत्र मिलने के 10 दिनों में दें अन्यथा आपके डी फार्मा नं. 738 को रद्द करने की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी, यह मौन स्वीकृति मान कर कि आप इस बारे कुछ भी नही कहना चाहते। इस बारे निलम्बित अध्यक्ष केसी गोयल ने मेडिकेयर न्यूज को बताया कि मेरे विरुद्ध निजी रंजिशवश कार्यवाही की जा रही है। गोयल ने कहा कि वे सवेरे जल्दी नरवाना से निकलकर 9 बजे कॉउंसिल कार्यालय पंचकूला पहुंचते थे। 3-4 घंटे में काम निपटा वापस नरवाना आ जाते थे और दुकान का काम पूरा करते थे। अत: मुझे जान-बूझ कर मानसिक व आर्थिक रूप से परेशान किया जा रहा है, जो अमानवीय भी है। उल्लेखनीय है कि गोयल ने पूर्व रजिस्ट्रार अशोक नागपाल का डिप्लोमा इन फार्मेसी भी इसी कारण रदद् किया था। अब यही पैंतरा गोयल के गले की फांस बन गया है।