अम्बाला (बृजेन्द्र मल्होत्रा)। हरियाणा स्टेट फार्मेसी कॉउंसिल से अपदस्थ होने के बाद चेयरमैन कृष्ण चंद गोयल की लड़ाई ने रजिस्ट्रार के विरूद्ध अब राजनीतिक रंग ले लिया है। हॉल ही में अपदस्थ चेयरमैन ने कांग्रेस की राष्ट्रीय पदाधिकारी चित्रा सरवारा को अपनी कहानी इस कदर सुनाई कि महिला नेत्री को लगा स्वास्थ्य मंत्री ने बड़ा घोटाला कर दिया। आनन-फानन में पत्रकार वार्ता बुलाकर कहा कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए एक नाकाबिल इंसान को रजिस्ट्रार बना दिया। चित्रा सरवारा को गोयल ने बताया कि रजिस्ट्रार की पढ़ाई फर्जी और प्रमाणपत्र जाली हैं और सरवारा ने रटे-रटाये शब्द मीडिया को परोस दिए।
चित्रा ने पत्रकार वार्ता में बार-बार कहा कि वे वही बोल रही हैं जैसा उन्हें केसी गोयल ने बताया। जब पत्रकारों ने केसी गोयल को रजिस्ट्रार की पढ़ाई पर उठी उंगलियों बारे पूछा तो गोयल ने कहा कि उन्होंने रजिस्ट्रार अरुण पराशर की पढ़ाई के खिलाफ कोई शब्द नहीं बोला और न उन्हें कोई एतराज ही है। बस उनकी नियुक्ति गलत है। जब 4 वर्षों तक उन्हीं के हस्ताक्षर पर सरकार से अनुमति /स्वीकृति ली जाती रही है तो अब एतराज का कारण? गोयल निरुत्तर हो गए और कहने लगे कि सरकार से पूछो। इस प्रेस वार्ता से रजिस्ट्रार की धूमिल हुई छवि का मामला अब पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन है। रजिस्ट्रार अरुण पराशर द्वारा चित्रा सरवारा को नोटिस ऑफ डिफर्मेशन 21 अगस्त 2019 को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता तरुराग गौड के माध्यम से भिजवाते हुए बिना शर्त क्षमा मांगने को कहा अन्यथा कोर्ट की कार्यवाही का सामना करने के लिए तैयार रहने की सलाह दी। इस बारे कांग्रेस नेत्री चित्रा सरवारा ने नोटिस अभी तक नोटिस न मिलने की बात कहते हुए दोहराया कि जैसा केसी गोयल ने बताया वही सार्वजनिक किया। नोटिस मिलेगा तो पढक़र आगे का निर्णय लूंगी ।