गुड़गांव। फोर्टिस अस्पताल पर एक बार फिर मरीज के इलाज में लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है। महिला रोगी की मौत के मामले में डॉक्टरों की लापरवाही सामने आने के बाद अस्पताल के दो डॉक्टरों पर मामला दर्ज किया गया है। गुड़गांव पुलिस पीआरओ रविंद्र कुमार के अनुसार कि मई 2017 में 51 साल की महिला सीमा घई को हार्ट की समस्या के चलते फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मृतका के पति का आरोप था कि उनकी पत्नी दर्द से तड़प रही थी लेकिन फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों ने समय पर इमरजेंसी लाइफ सेविंग मेडिसन नहीं दी। जिस वजह से उनकी मौत हो गई। इसके बाद उन्होंने अस्पताल के खिलाफ शिकायत दी। पुलिस ने इसकी जांच सिविल सर्जन गुडग़ांव से करवाई गई। सिविल सर्जन ने रिपोर्ट दी कि फोर्टिस अस्पताल में उस दौरान एमरजेंसी में जो डॉक्टर मौजूद थे, उनकी लापरवाही की वजह से मरीज की मौत हुई। उनकी सिफारिश के बाद फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर एसएस मूर्ति और वी नागा राजू के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
इससे पहले भी ऐसा ही एक और मामला चर्चा में आया था। दिल्ली के द्वारका की रहने वाली सात साल की बच्ची आद्या को 27 अगस्त 2017 को बुखार हुआ था। उसे 31 अगस्त को गुडग़ांव के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसे 15 दिन रखा गया। बच्ची की 14 सितंबर को मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन ने उसके परिजनों को 15 लाख रुपए से ज्यादा का बिल थमा दिया था। बाद में यह मामला सामने आया तो हरियाणा सरकार ने इसकी जांच कराई। जांच के बाद अस्पताल प्रशासन के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई। इस मामले में भी पहले डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था लेकिन बाद में फोर्टिस अस्पताल का नाम भी एफआईआर में जोड़ा गया था। इस मामले में हरियाणा फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने फोर्टिस अस्पताल के ब्लड बैंक और आईपीडी फार्मेसी का लाइसेंस भी सस्पेंड किया था।