रोहतक: प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान पीजीआईएमएस के वार्ड नं. दो से नवजात शिशु चोरी का मामला पं. भगवतदयाल शर्मा आर्युविज्ञान चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन, सरकार और पुलिस की गले की हड्डी बनती जा रही है। पिछले बारह दिनों से गायब शिशु का पता न लगाने पर पुलिस प्रशासन की काफी किरकिरी हो रही है। पीजीआई प्रशासन द्वारा गठित जांच कमेटी ने भी शिशु चोरी मामले में दो डॉक्टरों और पांच अन्य के खिलाफ कार्यवाही करने की शिफारिश की है। पीजीआई प्रशासन ने दो डॉक्टरों और पीजी छात्र को कारण बताओ नोटिस जारी करजवाब-तलब किया है। पीजीआई प्रशासन नर्स बलजीत कौर को निलंबित तथा ठेके पर लगे सात कर्मचारियों की सेवाएं पहले ही समाप्त कर चुका है। परिजनों और विभिन्न राजनीतिक और गैर राजनीतिक संगठनों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि पीजीआई प्रशासन का यह कदम शिशु चोरी मामले पर सिवाय पर्दा डालने के और कुछ नहीं है। लेकिन गुमशुदा बच्चे के परिजनों ने सामाजिक लोगों के सहयोग से लगातार धरना-प्रदर्शन कर मामले को दबने नहीं दिया। बीते कल शाम परिजनों ने कई सामाजिक संगठनों, पार्षदों और शहरवासियों को साथ लेकर शहर में जोरदार रोष प्रदर्शन किया। अशोका चौक पर जाम लगाकर प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर दबाव बनाया। मौके की नजाकत देखते हुए अतिरिक्त उपायक्त अजय कुमार, एसडीएम अरविंद मल्हान, पुलिस उपाधीक्ष डॉ. रविंद्र तथा पीजीआई थाना प्रभारी ने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि अगले छह दिनों में संतोष नतीजे सामने होंगे। लेकिन पुलिस प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाते हुए गायब शिशु के पिता सन्नी धींगड़ा समेत दर्जनों लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने में देरी नहीं लगाई।

आश्चर्य की बात यह है कि शिशु चोरी मामले में भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और आम आदमी पार्टी नेता खुलकर सामने नहीं आ रहे जबकि ये पार्टियां अन्य मामलों को उठाने में पीछे नहीं रहती। प्रदेश के स्वाथ्य मंत्री अनिल विज भी यह कहकर कि यह पूरा मामला उनके संज्ञान में और और सरकार बच्चा खोजने में देर नहीं लगाएगी। पीजीआईएमएस कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों ने गायब नवजात शिशु के मामले में एक-दूसरे पर दोषारोपण करने से नहीं चूक रहे हैं। पुलिस प्रशासन ने डीएसपी डा. रविन्द्र के नेतृत्व में एसआईटी गठित की है, जो गायब बच्चे को तलाश करेगी। गायनी की डॉ. स्मिति नन्दा के खिलाफ चार्जशीट करने पर हरियाण स्टेट मैडिकल एसोसिएशन ने पीजीआईएमएस के उच्च अधिकारियों पर सवाल उठाए हैं। नर्स बलजीत कौर को सस्पैंड किए जाने पर नर्सिंग एसोसिएशन भी उनके समर्थन में आ डटी है। पीजीआई स्टूडैंट से जवाब तलब किए जाने पर रेजिडेंट डाक्टर एसोसिएशन के स्वर भी तीखे हो गए हैं। वहीं अनुबंधित कर्मचारी एसोसिएशन ने भी नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों के समर्थन में हडताल की। कुलमिलाकर पीजीआईएमएस के लेबर रूम से नवजाब शिशु गायब को ढूंढने के मामले में पुलिस प्रशासन और पीजीआईएमएस प्रशासन के लिए एक जी का जंजाल बनता जा रहा है। पीजीआई की चिकित्सा व्यवस्था भी चरमरा रही है।