बद्दी। हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक शहर बद्दी में जन-जीवन धीरे-धीरे पटरी पर पर लौट रहा है। यह शहर देश के दवा उद्योग का एक प्रमुख केंद्र हैं और देश में कुल दवा उत्पादन में इसका योगदान 35-40 प्रतिशत है। यहां के संयंत्र कोविड-19 नियंत्रण क्षेत्र से बाहर आ गए हैं और उत्पादन दोबारा शुरू हो गया है। प्रशासन ने एक अन्य महत्त्वपूर्ण कदम के तौर पर चंडीगढ़ में फंसे कर्मचारियों को बद्दी पहुंचाने के लिए अंतर-राज्यीय परिचालन की मंजूरी दे दी है। दवा उत्पादनके इस अहम केंद्र में गतिविधियां और बढ़ाने के लिए हिमाचल प्रदेश में अंतर-जिला आवाजाही की भी मंजूरी दी गई गई है।
दिल्ली में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि ‘औषधि नियंत्रक और औषधि विभाग स्थिति पर निगरानी रख रहे हैं। चंडीगढ़ से हिमाचल की सीमा पार करने की अनुमति दे दी गई है। इन कामगारों को राज्य की सीमा में प्रवेश करने और बद्दी में रहने की इजाजत दी जाएगी।’ हिमाचल प्रदेश के राज्य औषधि नियंत्रक नवनीत मारवाह ने कहा कि अगले चार से पांच दिनों के बीच बद्दी केंद्र से 60-70 प्रतिशत क्षमता तक उत्पादन शुरू हो जाएगा। मरवाहा ने कहा कि अब तक यहां 243 इकाइयां परिचालन में हैं।
मारवाह ने दवा किया, ‘एबट, सन फार्मास्युटिकल्स, जायडस कैडिला, वॉकहार्ट सहित सभी बड़ी दवा कंपनियों ने उत्पादन शुरू कर दिया है। बद्दी में करीब 50 संयंत्र कोविड-19 संक्रमण नियंत्रण क्षेत्र में आ गए थे। पिछले सप्ताह करीब 38 प्रतिशत संयंत्र इस दायरे से बाहर आ गए और शनिवार को अतिरिक्त 11 संयंत्र भी नियंत्रण क्षेत्र से बाहर कर दिए गए।’ उन्होंने कहा कि हाल में जारी एक अधिसूचना में राज्य सरकार ने उत्पादन बढ़ाने के लिए तीन पालियों में परिचालन शुरू करने की अनुमति दी थी। दरअसल बद्दी कोविड-19 नियंत्रण क्षेत्रों बरोतीवाला और नालागढ़ के बीच में था। संक्रमण के करीब 9 मामले आने पर इन दोनों क्षेत्रों की पूरी तरह घेराबंदी कर दी गई थी। उद्योग जगत के लोगों ने कहा कि हेलमेट बनाने वाली इकाई के मालिक की मौत के बाद बरोतीवाला और नालागढ़ में 3 किलोमीटर दायरे में आने वाले क्षेत्र पूरी तरह बंद कर दिए गए थे।
बद्दी से चंडीगढ़ महज एक घंटे का सफर है और प्रबंधन कार्यों से जुड़े कई कर्मचारी वहां से रोज आते हैं। हालांकि कोविड-19 महामारी के बाद दोनों राज्यों द्वारा अपनी सीमाएं बंद करने के बाद इन कर्मचारियों के लिए यात्रा कर पाना मुमकिन नहीं रह गया था। बड़ी दवा कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन इंडियन फार्मास्युटिकल्स अलायंस के महासचिव सुदर्शन जैन ने कहा, ‘हम सरकार से इन कर्मचारियों को बद्दी पहुंचने की अनुमति देने की मांग कर रहे थे। हमने सरकार को अवगत करा दिया था कि कर्मचारियों के नहीं आने पर दवा उत्पादन कार्य बुरी तरह प्रभावित होगा।’ दवा उद्योग से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि बद्दी औद्योगिक क्षेत्र के करीब 45 होटल कंपनियों ने किराये पर ले लिए हैं। शीर्ष दवा कंपनियों में शुमार एक कंपनी के वरिष्ठï अधिकारी ने कहा, ‘हम अपन कुछ कर्मचारियों को संयंत्र परिसर में ही रख रहे हैं, जबकि शेष आसपास के होटलों में ठहराए गए हैं।’