लखनऊ : कोरोना महामारी के दौर से आयुर्वेद की दवाओं की मांग बढ़ गई है। ऐसे में यह खबर सामने आई है कि यूपी में बिक रही आयुर्वेद की 72 फीसदी दवाएं अधोमानक हैं।
आयुर्वेद विभाग के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक व यूनानी अधिकारियों ने इस साल विभागीय लैब में सिर्फ 47 सैंपल भेजे थे, जिसमें 34 सैंपल अधोमानक मिले हैं।
संभी कंपनियों को इसके खिलाफ नोटिस जारी किया गया है और दवाओं पर रोक लगाने की तैयारी चल रही है। कोरोना काल में आयुर्वेदिक दवाओं का बाजार 30 लाख से बढ़कर 60 लाख हो गया है।
कोरोना के दौर में लोगों ने इम्युनिटी बढ़ाने पर जोर दिया था, जिसके बाद इम्युनिटी बूस्टर समेत तमाम आयुर्वेदिक दवाओं के नियमित ग्राहक बढ़ रहे हैं। ऐसे में नई कंपनी भी बाजार में आ रही है, जिनकी गुणवत्ता बेहद खराब है।
आयुर्वेद निदेशक डॉं एसएन सिंह ने कहा कि जिन कंपनियों के सैंपल अधोमानक पाए गए हैं, उनकी स्थिति की जांच कराई जा रही है। संबंधित कंपनी को नोटिस जारी किया जाएगा। जो उत्पाद अधोमानक है, उसके नए बैच की भी जांच कराई जाएगी।
प्रदेश में करीब 1800 दवा कंपनियां चल रही हैं। वहीं, दूसरे प्रदेशों की पांच सौ से अधिक कंपनियों की दवाएं भी यहां बिक रही हैं। अब इनका ऑनलाइन डाटा तैयार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि हर क्षेत्रीय आयुर्वेदिक व यूनानी अधिकारी को हर माह कम से कम दो सैंपल भेजने का निर्देश है।