नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को भारत और युगांडा में कोवीशील्ड की नकली कोरोना वैक्सीन मिली है। ऑथोराइज्ड वैक्सीन सेंटर से बाहर ले जाकर ये नकली वैक्सीन मरीजों को लगा भी दी गई थी। नकली कोवीशील्ड मिलने के बाद WHO ने मेडिकल प्रोडक्ट्स को लेकर चेतावनी जारी की है। इधर, कोवीशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने कहा है कि वह कोवीशील्ड को 2 ml की शीशी में सप्लाई ही नहीं करता है।

WHO ने कहा, ‘SII ने लिस्ट में दर्ज वैक्सीन के नकली होने की पुष्टि की है। इनके बारे में WHO को भारत और युगांडा में मरीजों के स्तर से ही जानकारी मिली थी। इनके नकली होने का पता वैक्सीन पर लिखी जाने वाली जरूरी जानकारी लगातार मिस होने पर चला।’WHO ने कहा कि नकली कोरोना वैक्सीन की पहचान करके इसे तुरंत नष्ट किया जाना चाहिए। नकली वैक्सीन दुनियाभर में लोगों की सेहत से जुड़ा बड़ा खतरा है। इससे रिस्क जोन में आने वाले लोग और स्वास्थ्य सुविधाओं पर एक्स्ट्रा लोड बढ़ेगा।

नकली और घटिया मेडिकल प्रोडक्ट्स को लेकर WHO के ग्लोबल सर्विलांस एंड मॉनिटरिंग सिस्टम ने कोवीशील्ड की नकली वैक्सीन का पता लगाया है। युगांडा में मिली नकली कोवीशील्ड की शीशी 5 ml की थी, जिसमें 10 डोज लगाने की बात कही गई थी। उस पर बैच नंबर 4121Z040 और नकली एक्सपायरी डेट 10 अगस्त लिखी हुई थी। यह पहला मौका नहीं है, जब नकली कोरोना वैक्सीन का पता चला है। इससे पहले WHO ने अमेरिकी देशों में फाइजर-बायो एनटेक की नकली कोरोना वैक्सीन के बारे में बताया था।

दक्षिण एशिया और अफ्रीका में नकली दवाइयों और वैक्सीन मिलने पर WHO ने मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट जारी किया है। WHO को कोवीशील्ड की नकली वैक्सीन के बारे में इस साल जुलाई-अगस्त में ही खबर मिली थी। अब WHO ने मेडिकल प्रोडक्ट्स की सप्लाई चेन पर निगरानी रखने की सलाह दी है। स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि खासतौर पर उन देशों में इसकी जरूरत है, जहां नकली वैक्सीन मिलने की घटनाएं सामने आई हैं।