नई दिल्ली। बाजार से अबॉर्शन की गोलियां गायब होने की बात कही जा रही है। अबॉर्शन पिल्स न मिलने से सेफ गर्भपात को लेकर खतरा बढ़ रहा है। दावा किया जा रहा है कि अबॉर्शन पिल्स के स्टॉक को लेकर केमिस्ट के लिए जो कानून बनाए गए हैं, उसकी वजह से केमिस्ट ऐसी दवाओं का स्टॉक नहीं रख रहे हैं। राजस्थान और महाराष्ट्र में तो केमिस्टों ने अब इस दवा का स्टॉक रखना पूरी तरह से बंद कर दिया है। बिहार में सिर्फ 37.8 पर्सेंट और यूपी में 66 पर्सेंट केमिस्ट ही इन दवाओं को बेच रहे हैं। गर्भपात और इसकी दवाओं के बारे में केमिस्ट की जागरूकता, जानकारी और उनके रवैये के बारे में भी पता लगाने की कोशिश की गई। 43 पर्सेंट ने बताया कि गर्भपात गैरकानूनी है। 20 पर्सेंट ही जानते थे कि गर्भपात केवल 20 हफ्ते तक ही सही है। राजस्थान में तो 60.7 पर्सेंट केमिस्ट ने कहा कि गर्भपात अवैध है। बिहार के 51.8 पर्सेंट केमिस्ट का भी यही जवाब था। अनुमान है कि हर साल गर्भपात कराए जाने के कुल 1.56 करोड़ मामलों में 81 पर्सेंट में गर्भपात की दवाओं का उपयोग किया जाता है। बावजूद इसके गर्भपात की दवाओं का बाजार से गायब होना चिंता की बात है। अबता दें कि बॉर्शन पिल्स बाजार से गायब होने की स्थिति में सुरक्षित गर्भपात को बड़ा खतरा पहुंच सकता है। देश में असुरक्षित गर्भपात की वजह से होने वाली मौतें मातृत्व मृत्यु दर का तीसरा प्रमुख कारण है।