हरिद्वार। बाबा रामदेव ने सर्वोच्च न्यायालय में केस बंद होने पर फिर से एलोपैथी की आलोचना कर डाली है। बता दें कि बाबा रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण पर पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों और आधुनिक चिकित्सा को बदनाम करने के लिए भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) द्वारा कोर्ट में दर्ज मामले को बंद कर दिया था।
दरअसल, बाबा रामदेव ने अपनी आयुर्वेदिक कंपनी पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों के लिए बिना शर्त माफ़ी मांगी। उन्होंने मधुमेह, अस्थमा और अन्य बीमारियों के इलाज का दावा किया था। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि अगर पतंजलि ने ऐसा दोबारा किया, तो परिणाम गंभीर होंगे।
कोर्ट के आदेश की अवमानना
सर्वोच्च न्यायालय ने अप्रैल में बाबा रामदेव की माफ़ी को महज दिखावा मानने से इनकार कर दिया था। ऐसा लगता है कि उनका फैसला सही था। माफ़ी के बाद अवमानना की कार्यवाही बंद होने के तुरंत बाद बाबा ने एलोपैथी के खिलाफ़ एक नया हमला किया और इसे आम लोगों के लिए ज़हर बताया।
एलोपैथिक दवाओं का मज़ाक उड़ाया
उन्होंने लाखों लोगों की हत्या के लिए ब्रिटिश राज, इस्लाम और लेनिन-माक्र्स-माओ की निंदा की और कहा कि एलोपैथिक दवाएं हर साल निर्दोष लोगों की जान लेती हैं।