बिहार के गया में 2000 से अधिक बिना पंजीकृत नर्सिंग होम और अस्पतालों का संचालन जारी है। ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब और लाचार लोग ऐसे डॉक्टरों अस्पताल से इलाज कराने के लिए लाचार हैं।
लगातार हो रही मौतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग बिना पंजीकरण वाले अस्पतालों पर लगाम लगाने में सफल नहीं हो पा रहा है।
पूरे जिले में 500 से अधिक झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक फल फूल रहे हैं, जिसमें बिना रजिस्ट्रेशन के सैकड़ों निजी अस्पताल, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी सेंटर धड़ल्ले से अपना काम जारी रखे हुए हैं।
इनके पास ना ही प्रशिक्षित चिकित्सक है और ना ही ट्रेंड कर्मचारी। आपको बता दें कि गांव से लेकर शहर तक कुकुरमुत्तें की तरह हर जगह अस्पताल पैथोलॉजी सेंटर और डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित हो रहे हैं और तो और ऐसे कई भी हैं।
जो आगे मेडिकल की दुकान चला रहे हैं और पीछे 2 कमरों में पूरा नर्सिंग होम संचालित कर रहे हैं। इन अस्पतालों के पास कोई डिग्री धारक चिकित्सक भी नहीं है। विभाग आंख मूंदे हुए इन पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है।
सिविल सर्जन डॉक्टर रंजन कुमार ने कहा कि अवैध अस्पतालों नर्सिंग होम पैथोलॉजी सेंटर और अल्ट्रासाउंड के खिलाफ लगातार अभियान हम लोग चला रहे हैं। यदि बिना रजिस्ट्रेशन का कोई अस्पताल पैथोलॉजी सेंटर या डायग्नोस्टिक सेंटर मिलता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।