मधुबनी। भारत-नेपाल के पिपरौन बॉर्डर पर प्रतिबंधित नशीली दवा बेरोकटोक बिक रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि शिकायत के बावजूद पुलिस इस मामले में कोई कदम नहीं उठाती। नशीली दवाओं का सेवन करने से सीमावर्ती इलाके के युवा बर्बाद हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पिपरौन एसएसबी कैंप के निकट एक कटघरे में दुकानदार नशेड़ी युवाओं को पूरी सुविधा देकर प्रतिबंधित नशीली दवाइयों का सेवन कराता है। बदले में ऊंची कीमत वसूलता है। दुकानदार के साथ पुलिस की मिलीभगत भी है। पिपरौन गांव के स्थानीय निवासी शिक्षक शिवशेखर महतो व समाजसेवी कृष्णचन्द्र सिंह समेत दर्जनों लोगों ने बताया कि पिपरौन बॉर्डर पर नशीली दवाओं का धंधा बड़े पैमाने पर चल रहा है। यह स्थानीय थाना पुलिस के संरक्षण में चल रहा है। एसएसबी कैंप के निकट कठघरे के पीछे खुलेआम नेपाली युवक नशीली दवाओं का सेवन करते हैं। कठघरा बंद रहता है। मगर, उसके पीछे नेपाली युवाओं की भीड़ लगी रहती है। यहां बड़े पैमाने पर गैरलाइसेंसी दवा दुकानों का रैकेट चल रहा है। इस मामले में राज्य के डीजीपी से भी शिकायत की गई है। बावजूद इस मामले में कार्रवाई नहीं हो रही है। इस पर पिपरौन एसएसबी कंपनी इंचार्ज अजय कुमार का कहना है कि यह स्थानीय पुलिस प्रशासन का मामला है। बेनीपट्टी एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने बताया कि इस तरह की शिकायत सुनने को मिल रही हंै। मामले की जांचकर कार्रवाई की जाएगी।