धौलपुर (राजस्थान)। जिला सेशन सत्र न्यायाधीश चंद्रप्रकाश श्रीमाली ने बिना लाइसेंस दवा दुकान चलाने के आरोपी को 3 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख 25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। जुर्माना न चुकाने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
लोक अभियोजक भगवान सिंह नारोलिया ने बताया कि 26 मार्च 2004 को तत्कालीन औषधि नियंत्रण अधिकारी राजकमल छीपा के साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीएल मीणा ने कौलारी कस्बे में शिकायत के आधार पर पूजा मेडिकल एण्ड जनरल स्टोर पर छापा मारा। छापे में टीम को दुकान से कॉस्मेटिक सामान के साथ बड़ी संख्या में एलोपेथिक और आयुर्वेदिक दवाइयों का भंडार मिला। जिस पर टीम ने दुकान के संचालक पुरुषोत्तम पुत्र रतन सिंह बघेल से लाइसेंस मांगा। दुकानदार ने बिना लाइसेंस की मेडिकल दुकान चलाने की बात स्वीकार की थी। टीम द्वारा दवाइयों के बिल मांगे जाने पर दुकानदार ने उन्हें बिल भी उपलब्ध नहीं कराये। मामले की गंभीरता को देखते हुए 29 जुलाई 2005 को बतौर लोकसेवक की हैसियत से औषधि नियंत्रण अधिकारी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद दायर किया था। मामले की सुनवाई करते हुए जिला सैशन एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रप्रकाश श्रीमाली ने आरोपी पुरुषोत्तम को दोषी करार देते हुए 3 साल के कारावास से दण्डित किया है। कारावास के साथ आरोपी को 1 लाख 25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है, जिसे ना चुकाने की एवज में दोषी को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।