SKMCH: बिहार के बड़े सरकारी अस्पतालों में शुमार मुजफ्फरपुर का श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (SKMCH) की शानदार ब्लीडिंग को देखकर धोखा मत खाना। इस अस्पताल की केवल ब्लीडिंग ही चकाचक है लेकिन जब आप अस्पताल के अंदर प्रवेश करेंगे तो वहां की बेहाल व्यवस्था देखकर अपना सिर पकड़ लेगें। हालात ये है कि मरीजों को एक बेड तक नसीब नहीं हो रहा है। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को लेकर भी मरीजों के लिए सिरदर्द बन रहा है। जब बेड की मांग की जाती है तो बेड और दवाइयों के बदले अस्पताल प्रबंधन अच्छे अस्पताल में जाने की नसीहत देते हैं। मजबूरन मरीज जमीन पर बैठकर इलाज करा रहे हैं।
अस्पताल में बेड के साथ-साथ दवाइयां और डॉक्टर्स की कमी (SKMCH)
अस्पताल के ऐसे हालात हैं कि यहां पर बेड के साथ-साथ दवाइयों और इलाज करने वाले डॉक्टर्स की भी कमी है। मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक का कहना है कि अस्पताल में बेड के लिए सरकार को आवेदन दिया गया है। डॉक्टरों की कमी को लेकर भी संबंधित विभाग को जानकारी दी गई है लेकिन इस समस्या का निदान नहीं हुआ है। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतान करना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही जनता झेल रही है
बिहार के स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के जिम्मे है। तेजस्वी यादव अक्सर मिशन 60 हो या अस्पतालों का औचक निरीक्षण, डिप्टी सीएम अस्पताल व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोशिश तो करते हैं, लेकिन उनकी ये कोशिश फिलहाल तो सफल होती दिखाई नहीं दे रही। बीते 29 अप्रैल को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अचानक अचानक एसकेएमसीएच पहुंचे थे। उन्होंने वहां ज्यादातर वार्डों में स्वास्थ्यकर्मियों को नदारद पाया। SKMCH में हालातों का जायज़ा लेने के लिए अधिकारियों का दौरा होता रहा लेकिन हालात में सुधार अभी भी नहीं हुआ है।
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