नई दिल्ली। नए साल की पहली तारीख से डिजिटल बीपी मॉनिटर्स और डिजिटल थर्मोमीटर्स रेगुलेशन के दायरे में आ जाएंगे। यानी इन्हें बिना सरकार के सर्टिफिकेशन के बेचा नहीं जा सकेगा। इन्हें बनाने वाली कंपनियों को भी इनकी सटीकता साबित करनी होगी। सरकार से मंजूरी के बाद ही इनका उत्पादन किया जा सकेगा। गौरतलब है कि बहुत-सी मेडिकल डिवाइसेज के बारे में सरकार को शिकायतें मिल रही थीं। आरोप है कि इनकी जांच के नतीजे ठीक नहीं होते और इनके कारण मरीजों की जान के लिए खतरा पैदा हो सकता है। एक सर्वे में भी पाया गया था कि देश के बाजारों में मिलने वाले 70 फीसदी डिजिटल बीपी मॉनिटर्स की रीडिंग सटीक नहीं होती। सरकार ने पिछले साल बीपी मॉनिटर्स और थर्मोमीटर्स को रेगुलेशन के दायर में लाने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही डिजिटल ग्लूकोमीटर और कुछ अन्य डिवाइसेज को भी रेगुलेशन के दायरे में लाया जाएगा।