शिमला (हप्र)। स्वास्थ्य विभाग ने पर्ची पर ब्रांडेड दवा लिखने वाले डॉक्टरों को चेताया है। विभाग का कहना है कि अगर जेनेरिक के स्थान पर ब्रांडेड दवा लिखी तो उन्हें चार्जशीट किया जाएगा और इसकी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेजी जाएगी। बता दें कि मरीजों को प्रिस्क्रीप्शन में ब्रांडेड दवा लिखने पर पचास चिकित्सकों को स्वास्थ्य विभाग ने कारण बताओ नोटिस भेजा था। जवाब में कई डॉक्टरों का तर्क था कि मरीज को आराम न मिलने के कारण ही दवा बदलकर लिखी थी। नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर विभाग ने अब इन्हें चेतावनी जारी की है। जिलों से मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा भेजी ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया है कि कांगड़ा के 30, कुल्लू के आठ और सोलन के 12 डॉक्टरों ने मरीजों को जेनेरिक की बजाय ब्रांडेड दवाएं लिखी हैं।
       ज्ञातव्य है कि प्रदेश सरकार ने मरीजों को सस्ती दवाएं मुहैया करवाने के लिए अस्पतालों में जन औषधि केंद्र खोल रखे  हैं। पांच साल बीतने के बाद भी यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई है। इसका बड़ा कारण यह है कि सरकार के निर्देश के बावजूद डॉक्टर मरीजों को जेनेरिक के बजाए ब्रांडेड दवाएं लिखकर दे रहे हंै। अब मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने भी डॉक्टरों को जेनेरिक दवा लिखने के निर्देश दिए हैं, लेकिन कई डॉक्टर इन निर्देशों को दरकिनार कर ब्रांडेड दवाएं लिख रहे हैं। इस संबंध में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर का कहना है कि विभाग को डॉक्टरों के प्रिस्क्रीप्शन रजिस्टर का ऑडिट करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे पता चल सकेगा कि डॉक्टर क्या दवा लिख रहा है। जो डॉक्टर ब्रांडेड दवाएं लिखता है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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