नोएडा। रोटरी ब्लड बैंक की आड़ में खून की तस्करी करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि ट्रस्ट चार शहरों में गैर कानूनी तरीके से रक्त सप्लाई कर रहा था। इस दौरान आरोपी ने क्लब के साथ करीब 4 करोड़ का गबन किया। रोटरी क्लब के रक्तदान शिविरों में जमा होने वाला खून भी गैरकानूनी तरीकों से बेचा जा रहा था। कानपुर, गोरखपुर, बुलंदशहर और मथुरा के ब्लड बैंकों को खून बेचने का आरोप लग रहा है। फिलहाल मामला प्रकाश में आने के बाद जिले के सीएमओ ने जांच के आदेश दे दिए हैं। इस गोरखधंधे में जांच के बाद कई नामचीन चेहरे बेनकाब हो सकते हैं। ब्लड बैंक के वर्तमान मैनेजिंग ट्रस्टी सुधीर कुमार मिढ़ा और ट्रस्ट की संचालन समिति के अध्यक्ष सुधीर वालिया ने पूर्व मैनेजिंग ट्रस्टी सतीश सिंघल के खिलाफ सेक्टर-20 थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई है।
वहीं इस घोटाले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। इस मामले में रोटरी ब्लड बैंक के पूर्व मैनेजिंग ट्रस्टी सतीश सिंघल पर डोनेशन में मिले ब्लड को अवैध तरीके से बेचने और 4 करोड़ रुपए से अधिक के गबन का आरोप है। बता दें कि नोएडा रोटरी क्लब ने एक ट्रस्ट बनाकर 8 जून 2011 को नोएडा के सेक्टर-31 में ब्लड बैंक शुरू किया था। इस ट्रस्ट में सतीश सिंघल को 2014 से 2017 तक के लिए मैनेजिंग ट्रस्टी बनाया गया था। हालांकि सतीश सिंघल अक्टूबर-2017 तक ट्रस्टी बने रहे, जब तक उन्हें पद से हटा नहीं दिया गया। ब्लड बैंक को चलाने के लिए रोटरी नोएडा रिसर्च एंड सोशल वेलफेयर ट्रस्ट का गठन किया गया था। ट्रस्ट को विभागीय जांच में पता चला कि सतीश सिंघल ने दिल्ली की कई दवा दुकानों और कंपनियों से फर्जी बिल बनवाकर भी लाखों रुपए का गबन किया है।
जून 2016 से दिसम्बर 2016 के बीच तीन दवा फर्मों से फर्जी बिल बनवाकर 16 लाख रुपए से ज्यादा का फ्रॉड किया गया है। दो फर्मों द्वारा सप्लाई किए गए 50 लाख रुपए से ज्यादा के सामानों की भी जांच चल रही है। इसमें कई ऐसे सामान हैं, जो अल्ट्रासाउंड या ऑपरेशन आदि में इस्तेमाल होता है। ब्लड बैंक के स्टॉक में इन सामानों की एंट्री भी नहीं है। अभी तक 7 हजार यूनिट ब्लड की तस्करी का मामला सामने आया है। इस फर्जीवाड़े के बारे में नोएडा के सीएमओ डॉ. अनुराग भार्गव ने बताया कि मामला प्रकाश में आने के बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने जांच की थी, लेकिन जांच के दौरान कोई मामला सामने नहीं आया है। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच दोबारा से शुरू की गई है। सीएमओ का दावा है कि यह विवाद रोटरी क्लब के ट्रस्टी के बीच वर्चस्व की लड़ाई को लेकर है। इन लोगों का आपसी झगड़ा है, लेकिन जांच की जा रही है।