सोलन। हिमाचल प्रदेश में चार फार्मा उद्योगों की दवाइयों के सैंपल बार-बार फेल मिल रहे हैं। इसके चलते इन दवा उद्योगों को जल्द ही ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है। पिछले 8 महीनों में इन दवा उद्योगों की 12 दवाइयों के सैंपल फेल हो चुके हैं। पांवटा साहिब के एक उद्योग की 4 दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं। इसी तरह परवाणु व बद्दी के एक-एक दवा उद्योग की 3-3 दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं, जबकि नालागढ़ के एक दवा उद्योग की 2 दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं। इसी बीच ड्रग विभाग ने 9 फार्मा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन उद्योगों को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। इसके अलावा ड्रग निरीक्षक इन उद्योगों का निरीक्षण करेंगे। ड्रग विभाग ने ऐसे उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है, जिनकी दवाइयों के सैंपल बार-बार फेल हो रहे हैं।
बता दें कि पिछले दिनों हिमाचल में बन रही 9 दवाइयों के सैंपल फेल मिले थे, जबकि पूरे देश में 42 दवाइयों के सैंपल फेल हुए थे। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सी.डी.एस.सी.ओ.) द्वारा जारी किए गए ड्रग अलर्ट में प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बी.बी.एन. के 6, पांवटा साहिब के 2 और परवाणु के एक उद्योग का सैंपल फेल हुआ। प्रदेश की जिन दवाइयों के सैंपल फेल हुए थे उनमें शूगर, एंटीबायोटिक, आयरन, गैस व पेट के कीड़ों की दवाइयां शामिल थीं।
कुछ उद्योगों की दवाइयों के बार-बार फेल हो रहे सैंपल का स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने भी कड़ा संज्ञान लिया है। उनका कहना है कि जिन फार्मा उद्योगों की दवाइयों के सैंपल बार-बार फेल हो रहे हैं, उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। यही नहीं, जिन 9 दवा उद्योगों के सैंपल फेल हुए, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।