नई दिल्ली। भारत की एक दवा कंपनी पर अमेरिका में 364 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अमेरिका के न्याय विभाग ने बताया है कि Fresenius Kabi Oncology Limited (FKOL) कंपनी ने जानकारी छिपाने और रिकॉर्ड मिटाने के आरोप को स्वीकार कर लिया है। कंपनी पर आरोप लगा था कि अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) की टीम जब जांच के लिए 2013 में कंपनी के दफ्तर में गई तो उससे ठीक पहले कई रिकॉर्ड नष्ट कर दिए गए। एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी न्याय विभाग का कहना है कि अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं की जांच के दौरान FDA से जानकारी छिपाई गई और रिकॉर्ड डिलीट किए गए।
इसकी वजह से मरीजों के सामने खतरा पैदा हो गया। दरअसल कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, FKOL पश्चिम बंगाल के कल्यानी में दवाओं का उत्पादन करती है। कंपनी कैंसर की दवा के लिए सामग्रियां तैयार करती है। अमेरिका ने कंपनी पर आरोप लगाया कि मैनेजमेंट के अधिकारियों ने FDA टीम के पहुंचने से ठीक पहले स्टाफ को कुछ रिकॉर्ड हटाने और डिलीट करने को कहा। दरअसल इन रिकॉर्ड से यह पता चल जाता कि कंपनी FDA के नियमों के खिलाफ दवा सामग्रियों का उत्पादन कर रही है।
अमेरिका के न्याय विभाग के मुताबिक, FKOL कंपनी के स्टाफ ने कंप्यूटर से डेटा डिलीट किए, साथ ही कई दस्तावेजों की हार्डकॉपी को भी गायब कर दिया। अमेरिकी सरकार ने यह भी कहा है कि FDA के निमयों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी। दरअसल अमेरिका के न्याय विभाग का यह भी कहना है कि कंपनी ने अपराध स्वीकार करने के साथ ही 364 करोड़ रुपये जुर्माने के रूप में चुकाने की बात मान ली है। अमेरिका के नेवादा के फेडरल कोर्ट में आपराधिक मामला दायर किया गया था। FKOL कंपनी पर आरोप लगाया गया था कि उसने अमेरिका के फेडरल फूड, ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट का उल्लंघन किया।