गांधीनगर। भारतीय फार्मा कंपनी के सीएमडी के खिलाफ रेप केस में गुजरात हाईकोर्ट ने जांच के आदेश जारी किए हैं। सीएमडी पर बुल्गारिया निवासी एक महिला के साथ दुष्कर्म और मानव तस्करी का मामला दर्ज हुआ है। इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को जांच के निर्देश दिए हैं।
लापरवाह पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश
गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि मामले की जांच वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की देखरेख में दो महीने के भीतर पूरी की जाए। साथ ही कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों पर इस केस में लापरवाही दिखाने पर कड़ी फटकार भी लगाई है। कोर्ट ने पुलिस की कार्यवाही को निष्क्रिय, कर्तव्य में लापरवाहीपूर्ण माना है। कोर्ट ने इस मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं।
पीडि़ता की शिकायत दर्ज न करने पर जताई नाराजगी
बता दें कि बुल्गारिया की महिला ने अपने साथ हुए दुष्कर्म, हमला, आपराधिक धमकी, मानव तस्करी सहित अन्य अपराधों के लिए एक भारतीय दवा कंपनी के सीएमडी के खिलाफ आरोप लगाए थे। लेकिन इस संबंध में पुलिस ने पीडि़त महिला की शिकायत ली थी। कोर्ट को बताया कि पुलिस अधिकारियों ने मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की थी। इसके चलते पीडि़ता ने गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
याचिका में कहा गया कि पुलिस ने शिकायत दर्ज करने के बावजूद मामला दर्ज नहीं किया था। वह आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत के साथ मजिस्ट्रेट अदालत में पहुंचीं, तो उसे भी रद्द कर दिया गया। हाईकोर्ट ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने कानून के स्थापित सिद्धांतों की अनदेखी की। उनके आदेश को रद्द किया जाना जरूरी है। केवल शिकायत के आरोपों की जांच का आदेश देने से किसी भी तरह से किसी भी तरह का पूर्वाग्रह नहीं होगा।
ये था मामला
बुल्गारिया पीडि़ता ने अपनी याचिका में कहा कि वह फ्लाइट अटेंडेंट की नौकरी के लिए 24 नवंबर, 2022 को फार्मा फर्म के साथ जुड़ गई थी। इस दौरान उसकी नौकरी प्रोफाइल बदल दी गई और उसे पर्सनल अटेंडेंट बना दिया गया। इसके बाद यात्रा करने और फर्म के सीएमडी के साथ रहने के लिए नियुक्त किया गया था। इसी दौरान सीएमडी ने उसके साथ दुष्कर्म की वारदाता को अंजाम दिया।