विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत के द्वारा निर्मित मलेरिया की वैक्सीन की मंजूरी दे दी है। ये मलेरिया की दूसरी वैक्सीन  R21/Matrix-M है। इसके जरिए दुनिया के कई देशों को मलेरिया से लड़ने में मदद मिलेगी। ये वैक्सीन पहले से सस्ती और ज्यादा प्रभावी है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रस अधानम घेब्रेयेसस ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की स्वास्थ्य एजेंसी ने दो विशेषज्ञ ग्रुप की सलाह पर इस वैक्सीन को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि एक शोधकर्ता के रुप में मैं पहले सपना देखता था कि कब हमारे पास मलेरिया से लड़ने की वैक्सीन होगी। आज इस रोग से लड़ने के लिए हमारे पास दो-दो  वैक्सीन है।

भारतीय सीरम इंस्टिट्यूट की मदद से तैयार हुई मलेरिया की वैक्सीन 

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भारतीय सीरम इंस्टिट्यूट की मदद से मलेरिया की नई वैक्सीन को विकसित किया है। इस वैक्सीन की तीन खुराक है। वैक्सीन 75 प्रतिशत से अधिक प्रभावी है और एक बूस्टर खुराक के साथ, सुरक्षा को कम से कम एक और साल तक बनाए रखता है।

एसआईआई ने बताया कि वैक्सीन के ‘प्री-क्लिनिकल’ और ‘क्लिनिकल’ टेस्ट से संबंधित आंकड़ों के आधार पर यह मंजूरी दी गई है। टेस्ट के दौरान चार देशों में यह टीका काफी कारगर साबित हुआ है। वैक्सीन की एक खुराक की कीमत  2 से 4 डॉलर (160 से 320 रुपये) तक होगी।

मलेरिया के खिलाफ 80 प्रतिशत तक सुरक्षा 

R21/Matrix-M वैक्सीन मलेरिया के खिलाफ 80 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान करेगी। खासतौर पर ये वैक्सीन बच्चों को होने वाले मलेरिया के गंभीर प्रभाव से बचायेगी। घाना और बुर्किना फासो ने इस साल की शुरुआत में मलेरिया के नए वैक्सीन को मंजूरी दी थी। ये वैक्सीन खास तौर पर वहां ज्यादा कारगर होगी जो देश मलेरिया के प्रभाव से ज्यादा  प्रभावित हैं।

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