कोरोना वायरस वैक्‍सीन अगले साल की शुरुआत में उपलब्‍ध हो सकती है। भारत बायोटेक ने अपनी वैक्‍सीन- Covaxin को फरवरी में लॉन्‍च करने की बात कही है। गौरतलब है कि यह 26 करोड़ लोग वो हैं जिनकी आबादी 50 साल से ज्‍यादा है। इन्‍हें कोरोना संक्रमण का ज्‍यादा खतरा है, ऐसे में इन्‍हें पहले टीका लगाना जरूरी हो जाता है। प्रॉयरिटी लिस्‍ट में एक करोड़ लोग ऐसे भी होंगे जिनकी उम्र तो 50 साल से कम होगी मगर उन्‍हें कोई और बीमारी होगी। कोरोना मामलों में देखा गया है कि अन्‍य बीमारियों से ग्रस्‍त लोगों को जान का खतरा ज्‍यादा होता है। ऐसे में उन्‍हें पहले वैक्‍सीन देकर महामारी से बचाने की कोशिश होगी। गौरतलब है कि यह भारत में उपलब्‍ध होने वाली पहली कोरोना वैक्‍सीन हो सकती है। ऐसे में केंद्र सरकार ने वैक्‍सीन डिस्‍ट्रीब्‍यूशन की तैयारियां तेज कर दी हैं। प्रॉयरिटी ग्रुप्‍स तय किए गए हैं जिन्‍हें पहले वैक्‍सीन दी जाएगी, वह भी मुफ्त में। केंद्र ने राज्‍य सरकारों ने इन ग्रुप्‍स की पहचान करने को कहा था। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन भी कह चुके हैं शुरुआत में 30 करोड़ भारतीयों को टीका लगेगा। सरकार ने मुख्‍य रूप से इन भारतीयों को चार कैटेगरीज में बांटा है। डॉक्‍टर्स, नर्सेज, पैरामेडिक्‍स स्‍टाफ और आशा वर्कर्स के अलावा एमबीबीएस डॉक्‍टर्स भी इस ग्रुप का हिस्‍सा होंगे। इन्‍हें सबसे पहले कोविड का टीका लगेगा।
प्रॉयरिटी लिस्‍ट में दूसरा ग्रुप उन लोगों का है जो महामारी के दौरान भी व्‍यवस्‍था संभाल रहे हैं। इनमें नगर निकायों के कर्मचारियों के अलावा पुलिस और सशस्‍त्र बल शामिल हैं। हालांकि इनमें सिर्फ हेल्‍थकेयर फैसिलिटीज ही शामिल नहीं होंगी। स्‍कूलों, पंचायती इमारतों और आंगनबाड़ी केंद्र की बिल्डिंग का इस्‍तेमाल की कोविड टीकाकरण के लिए हो सकता है। दरअसल सरकार सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के साथ-साथ कोरोना टीकाकरण अभियान चलाएगी। कोरोना वैक्‍सीन के लिए eVIN प्‍लेटफॉर्म का भी यूज होगा। केंद्र ने राज्‍य सरकारों ने उन इमारतों की लिस्‍ट तैयार करने को कहा है जहां टीकाकरण केंद्र बनाए जा सकते हैं।