Hosted by ASEAN countries: भारत और आसियान देशों के बीच मंच को मजबूत करने के लिए भारत आसियान देशों के लिए पारंपरिक दवाओं पर एक सम्मेलन की मेजबानी (Hosted by ASEAN countries) करेगा। ये सम्मेलन 20 जुलाई 2023 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जायेगा। सम्मेलन में आसियान देश अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को शेयर करेंगे और पारंपरिक दवाओं के क्षेत्र में भविष्य के सहयोग के लिए एक रोडमैप तैयार करेंगे।

आयोजन का उद्देश्य सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान और भविष्य के सहयोग के लिए एक रोडमैप के विकास के लिए एक मंच प्रदान करना (Hosted by ASEAN countries)

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य आयोजन का उद्देश्य सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान और भविष्य के सहयोग के लिए एक रोडमैप के विकास के लिए एक मंच प्रदान करना है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित इस एक दिवसीय सम्मेलन के दौरान कुल 75 प्रतिभागी – 8 आसियान देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि और वर्चुअल मोड के माध्यम से 2 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि पारंपरिक दवाओं पर विचार-विमर्श करेंगे और अपने विचारों को साझा करेंगे।

आयुष मंत्रालय की उपलब्धियां 

साल 2014 में एक स्वतंत्र मंत्रालय बनने के बाद से आयुष मंत्रालय में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों में आयुष प्रणालियों पर उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान की अनुमति मिली है, जिसमें मधुमेह मेलेटस, कैंसर, मानसिक स्वास्थ्य जैसी गैर-संचारी बीमारियां और कोविड-19 जैसी संक्रामक बीमारियां शामिल हैं। आसियान सम्मेलन पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान परिणामों और अनुभवों को साझा करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।

आज मंत्रालय विभिन्न गैर संचारी रोग स्थितियों में आयुष प्रणालियों पर उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान करने के लिए यूके, यूएसए, जापान, ब्राजील, जर्मनी के कई शीर्ष श्रेणी के अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ-साथ सीएसआईआर, डीएसटी, डीबीटी, आईआईटी आदि जैसे राष्ट्रीय संगठनों के साथ जुड़ा हुआ है।

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आयुष मंत्रालय ने आयुष उत्पादों और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पहले से ही आयुष में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग स्थापित किया है और ‘पारंपरिक दवाओं के क्षेत्र में सहयोग’, ‘आयुष अध्यक्षों की स्थापना’ पर सफलतापूर्वक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। विदेशी विश्वविद्यालयों/संस्थानों और विभिन्न स्तरों पर ‘सहयोगात्मक अनुसंधान’ करने के लिए। इसके परिणामस्वरूप आयुष को न केवल आसियान बल्कि अन्य देशों में भी मजबूत पहचान मिली है।