रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir) की कालाबाजारी थमने का नाम नहीं ले रही है. इस कालाबाजारी से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी के बाद भी यह गोरखधंधा खूब फल-फूल रहा है. भोपाल में पुलिस ने मेडिकल स्टोर संचालक और सहायक को कालाबाज़ारी करते पकड़ा. वहीं इंदौर में नकली इंजेक्शन बेचते एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया.

भोपाल में गांधीनगर थाना पुलिस को मुखबिर ने सूचना दी कि यहां दो युवक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर उन्हें बेचने की फिराक में खड़े हैं. इस सूचना पर गांधीनगर थाना प्रभारी अरुण शर्मा ने अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर दोनों युवकों को दबोच लिया. आरोपी के पास से एक बाइक बरामद हुई. जबकि दोनों के पास एक- एक  इंजेक्शन रखे थे. पूछताछ करने पर आरोपी की पहचान गौरव लोधी और सर्जन सिंह के रूप में हुई. दोनों भोपाल के ही रहने वाले हैं.

मेडिकल स्टोर संचालक हैं आरोपी…

मौके पर ही आरोपियों से रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर दस्तावेज मांगे गए. लेकिन वो दस्तावेज उपलब्ध नहीं दे पाये. इस पर पुलिस ने उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर ली. सर्जन सिंह मेडिकल स्टोर संचालक है, जबकि दूसरा आरोपी उसके साथ काम करता है.

27 हजार में बेच रहे थे इंजेक्शन

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने इंजेक्शन 19000 में खरीदे हैं और इसे 27000 में बेचने के लिए वह किसी ग्राहक का इंतजार कर रहे थे. दूसरी तरफ यह इंजेक्शन आरोपियों ने किससे खरीदे इसको लेकर पुलिस आरोपियों की कॉल डिटेल खंगाल रही है. और जल्द ही आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

नकली इंजेक्शन की कालाबाज़ारी

इंदौर में भी विजय नगर पुलिस ने रेमडेसिविर के नकली इंजेक्शन की कालाबाजारी करते दो आरोपियो को पकड़ा. ये लोग गुजरात के मोरबी से नकली इंजेक्शन लेकर आते थे. विजय नगर पुलिस अब तक 11 आरोपियों से 14 इंजेक्शन बरामद कर चुकी है. गुजरात में नकली फैक्ट्री चलाने वाले आरोपी को गुजरात पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. इंदौर पुलिस भी उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. फिलहाल पकड़े दो आरोपियों में से एक आरोपी एक हॉस्पिटल का डॉक्टर है. ये अपने साथी के साथ मिलकर सोशल मीडिया पर मदद के नाम पर संपर्क कर महंगे दाम में नकली इंजेक्शन बेचते थे.