देहरादून। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मंत्री की फटकार एवं दवाओं और जांच की लिस्ट लगाने के बाद भी डाक्टर बाज नहीं आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, कई डाक्टरों की ओपीडी में दलाल बैठे रहते हैं और अपने हिसाब से दवाई लिखवाते हैं। कॉलेज प्रबंधन द्वारा ऐसे डाक्टरों पर कार्रवाई नहीं होने की वजह से उनके हौसले बुलंद हैं।

प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना को जब पर्ची भेजी गई तो उनका कहना था कि ये बेहद गलत बात है। इसकी जांच कराई जाएगी और कार्रवाई की जाएगी। लगातार अस्पताल में उपलब्ध दवा एवं जांच निजी मेडिकल स्टोरों एवं जांच केंद्रों से लिखी जा रही है। कई डाक्टर तो निजी स्टोर एवं जांच केंद्रों के नाम की पर्ची भी मरीजों को थमा रहे हैं। शुक्रवार को ऐसा ही एक मामला सामने आया। पटेलनगर निवासी एक युवक मसल्स पेन के चलते हड्डी रोग विभाग में एक वरिष्ठ डाक्टर को दिखाने गया।

डाक्टर ने उन्हें देखकर आठ दवा लिख दी। साथ ही एक निजी मेडिकल स्टोर के नाम की पर्ची लिखकर थमा दी और हिदायत दी कि यहीं से दवा लाकर उन्हें दिखाई जाए। लेकिन युवक ने डिस्पेंसरी में पर्चा दिखाया तो तीनों दवा यहीं मिल गई। युवक ने बताया कि अन्य मरीजों को डाक्टर द्वारा ऐसे ही पर्चिंया दी जा रही थीं। युवक ने पर्ची को अफसरों को भेजकर कार्रवाई की मांग की है।