जोगेंद्रनगर, मंडी (ह.प्र.)। आयुर्वेद विभाग की औषध परीक्षण प्रयोगशाला में 15 औषधियां मानकों पर खरी नहीं उतर पाई हैं। इन्हें अब बाजार और आयुर्वेदिक फार्मेसी में सप्लाई के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। औषध परीक्षण प्रयोगशाला में पहली अप्रैल से 13 दिसंबर तक करीब 181 आयुर्वेदिक दवाओं के सैंपल परीक्षण के लिए पहुंचे। इनमें 15 औषधियां मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। गौरतलब है कि सरकारी फार्मेसी से करीब 50, ड्रग कंट्रोल से 37 और निजी फार्मेसी से 94 औषधियां गुणवत्ता परीक्षण के लिए जोगेंद्रनगर स्थित औषध परीक्षण प्रयोगशाला में जांच के लिए पहुंची थी। इनमें अभी तक 15 औषधियों को वैज्ञानिकों द्वारा नकार दिया गया है। बीते वर्ष भी करीब 577 औषधियों का परीक्षण प्रयोगशाला में हुआ था। उस समय 61 औषधियां आयुर्वेद विभाग के मानकों पर सही नहीं उतर पाई थी। प्रदेश की करीब 45 आयुर्वेदिक फार्मेसी और 1200 से अधिक फार्मेसी केंद्रों में आयुर्वेदिक दवा आपूर्ति करने से पहले औषध परीक्षण प्रयोगशाला में औषधियों का परीक्षण किया जाता है। प्रदेश की एकमात्र औषध परीक्षण प्रयोगशाला को हाल ही में केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा प्रायोजित एक बुकलेट में भी शामिल किया गया है। इस बारे में राजकीय औषध परीक्षण प्रयोगशाला, जोगेंद्रनगर के प्रभारी विपन कुमार ने बताया कि एक अप्रैल से 13 दिसंबर तक द्रव्यगुण प्रयोगशाला में 181 औषधियां परीक्षण के लिए पहुंची थी। इनमें 15 औषधियां आयुर्वेद के मानकों पर सही नहीं उतर पाई हैं। इनकी बाजार और आयुर्वेदिक फार्मेसी में आपूर्ति प्रतिबंधित रहेगी।