नई दिल्ली। दिल्ली के शालीमार बाग इलाके स्थित मैक्स हॉस्पिटल में एक नवजात शिशु की मौत के मामले में डॉक्टरों को दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने क्लीन चिट दे दी है। उन्होंने इस केस में नर्सों की लापरवाही की बात मानी है। दिल्ली मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉक्टर गिरीश त्यागी के अनुसार जांच में पाया गया कि पहला नवजात शिशु जीवित था जबकि दूसरा मरा हुआ पैदा हुआ था।
उनका कहना है कि जिन्दा बच्चा 23 हफ्ते में पैदा हुआ था और उसकी हार्टबीट केवल 30 प्रति मिनट थी। परिजनों ने किसी भी एक्टीव ट्रीटमेंट के लिए मना किया था। ये मामला 31 जनवरी, 2017 का है। जब डॉक्टर विशाल गुप्ता लेबर रूम पहुंचे तो पाया कि बच्चे में हार्टबीट नहीं है। इसकी सूचना एक डॉक्टर और नर्स को दी गई। नर्स के अनुसार, एक घंटे के ऑब्जर्वेशन के बाद डॉक्टर मेहता ने नर्स को परिजनों को सौंपने को कहा, लेकिन डॉक्टर मेहता ने ऐसी किसी बात से इनकाार कर दिया। दिल्ली मेडिकल काउंसिल की तरफ से कहा गया है कि नर्स ने बिना डॉक्टरों की मंजूरी के ही नवजात शिशु को परिजनों को सौंप दिया था।