मंडी (हिमाचल प्रदेश)। देशभर के दवा प्रतिनिधि (मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव) आज हड़ताल पर चले गए हैं। यह हड़ताल आठ सूत्रीय मांगों को लेकर की जा रही है। फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया के बैनर तले यह हड़ताल आहूत की गई है।

सड़कों पर मोर्चा निकालने की तैयारी

इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश में भी दवा प्रतिनिधि हड़ताल पर चले गए हैं। दवा प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार और दवा उद्योगपतियों के खिलाफ सड़कों पर मोर्चा निकालने की तैयारी की हुई है।

बैठक में रणनीति तैयार की

इस संबंध में बीते दिवस मंडी हिमाचल प्रदेश मेडिकल रिप्रजेंटेटिव एसोसिएशन के बैनर तले दवा प्रतिनिधियों ने बैठक की। बैठक में हड़ताल को लेकर आगामी रणनीति तैयार की गई। पत्रकारों से बातचीत में एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव जगदीश ठाकुर ने बताया कि दवा प्रतिनिधि 8 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर रहेंगे। उन्होंने बताया कि दवा प्रतिनिधियों की कुछ स्थानीय मांगें भी हैं, जिन्हें भी पूरा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन की यह मांगें पिछले लंबे समय से चली आ रही हैं जिन्हें पूरा नहीं किया जा रहा है। इस मौके पर एसोसिएशन के इकाई अध्यक्ष एसपी राणा व इकाई सचिव गौतम ठाकुर भी मौजूद रहे।

मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव

ये हैं मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) की मांगें

मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ने अपनी आठ सूत्रीय मांगे निम्र प्रकार से बताई है:
1. सेल्स प्रोमोशन एम्पलॉई एक्ट की रक्षा करना।
2. सरकारी अस्पतालों व बड़े संस्थानों से दवा प्रतिनिधियों के कार्य करने की रोक को हटाना है। 3. सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के साथ जीवन रक्षक दवाएं निशुल्क देना।
4. दवा प्रतिनिधियों के डाटा को व्यक्तिगत रखना शामिल है।
5. सेल्स उत्पीड़न के नाम पर दवा प्रतिनिधियों का उत्पीड़न बंद करना।
6. दवा प्रतिनिधियों का भी 8 घंटे कार्यसमय तय करना।
7. दवा उघोगपतियों से एसोसिएशन की मांग है कि दवा प्रतिनिधियों का न्यूनतम वेतन 25 हजार रुपये किया जाए।
8. सेल्स प्रोमोशन कर्मचारियों की वैधानिक कार्य नियमावली बनाना।