बदायूं। मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी की गई और नशीले इंजेक्शन व दवाएं बरामद की हैं। सिटी मजिस्ट्रेट व सीओ सिटी ने यह कार्रवाई की। नाबालिग को नशे का इंजेक्शन लगाते हुए मेडिकल स्टोर संचालक विनोद सिंह राठौर को रंगेहाथ पकड़ा गया। सिविल लाइंस थाने में आरोपी विनोद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई और उसे जेल भेज दिया है। हैरानी वाली बात ये है कि जांच में एक ही लाइसेंस पर तीन अलग-अलग स्थानों पर मेडिकल स्टोर संचालित मिले।

यह है मामला

सीओ सिटी आलोक मिश्रा ने बताया कि ओवरब्रिज के पास लक्ष्मी मेडिकल स्टोर पर नशीले इंजेक्शन बेचे जाने की सूचना मिली थी। इस पर सुनियोजित ढंग से पुलिसकर्मी को भेजकर नशीला इंजेक्शन मंगवाया गया। इसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल लेकर सटोर पर रेड की। जांच में बड़ी मात्रा में नशे के इंजेक्शन मिले। मेडिकल स्टोर के पास ही एक नाला है, यहां से इस्तेमाल हो चुके नशे के इंजेक्शन भी पुलिस ने बरामद किए। मेडिकल स्टोर संचालक विनोद सिंह राठौर को पुलिस ने एक नाबालिग को नशे का इंजेक्शन लगाते मौके पर ही पकड़ लिया। ड्रग विभाग की टीम को मौके पर बुलाया।

मेडिकल स्टोर्स

औषधि निरीक्षक लवकुश प्रसाद को लेकर रात के समय मिशन स्कूल के पास लक्ष्मी मेडिकल स्टोर पर टीम पहुंची। टीम ने मेडिकल स्टोर का निरीक्षण किया तो यहां भी बड़ी संख्या में प्रतिबंधित दवाएं मिलीं। इसके बाद टीम मंडी समिति रोड पर पहुंची। वहां भी मेडिकल स्टोर पर नशीली दवाएं व इंजेक्शन बरामद हुए। जांच में पता चला कि ये तीनों मेडिकल स्टोर विनोद राठौर के ही हैं। तीनों ही लक्ष्मी मेडिकल स्टोर के नाम से एक ही लाइसेंस पर चल रहे थे। आरोपी विनोद और उसका लडक़ा सुधांशु मेडिकल स्टोर पर बैठकर नशीली दवाएं बेचते थे। पुलिस ने उसे भी नामजद किया है।
बताया गया है कि मेडिकल स्टोर संचालक युवाओं को नशे के इंजेक्शन (रेक्सोगैसिक) बेचता था। ये इंजेक्शन बाजार में पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं।

मेडिकल स्टोर नहीं किए सील

हैरानी वाली बात ये है कि मेडिकल स्टोर पर नशीले इंजेक्शन व दवाएं मिलने पर संचालक को जेल तो भेज दिया लेकिन तीनों मेडिकल स्टोर सील नहीं किए। औषधि निरीक्षक लवकुश प्रसाद का कहना है कि मेडिकल स्टोर का लाइसेंस है। इसलिए उसको सील नहीं किया गया है। लाइसेंस को कैंसिल कराने की प्रक्रिया की जाएगी। अभी मामले की जांच जारी है।