हैदराबाद। मेडिकल स्टोर पर रेड कर भ्रामक विज्ञापन करने वाली कई युनानी दवाएं जब्त की गई हैं। यह कार्रवाई तेलंगाना ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन (टीडीसीए) ने की। टीडीसीए ने बाजार में भ्रामक और आपत्तिजनक विज्ञापनों वाली दवाओं का पता लगाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया।
इस दौरान शहरभर में कुछ उत्पादों की पहचान की। गोशामहल में ड्रग्स इंस्पेक्टर ने हैदराबाद के गगनपहाड़ इलाके में अहमद एंड कंपनी द्वारा निर्मित यूनानी दवा कार्डिनोल जोशांदा का पता लगाया। इस उत्पाद के लेबल पर भ्रामक दावा किया गया है कि यह हृदय की रुकावटों को दूर करता है।
दवाओं का स्टॉक जब्त
हैदराबाद के एमजे मार्केट, एबिड्स में एक मेडिकल स्टोर पर की गई छापेमारी के दौरान दवाओं के स्टॉक जब्त किए गए। इस बीच, यूसुफगुडा में, एक अन्य ड्रग्स इंस्पेक्टर ने उत्तराखंड के काशीपुर के कुंडेश्वरी गांव में विविमेड लैब्स लिमिटेड द्वारा निर्मित एक एलोपैथिक दवा कोलिनोल-स्पास टैबलेट (मेफेनैमिक एसिड और डाइसाइक्लोमाइन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट आईपी) का पता लगाया।
हैदराबाद के मधुरानगर में एक मेडिकल दुकान पर की गई छापेमारी के दौरान दवाओं का स्टॉक जब्त किया गया। तेलंगाना ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारियों ने पाया कि उत्पाद के लेबल पर एक भ्रामक दावा किया गया है।
इसमें कहा गया है कि यह उत्पाद ऐंठन संबंधी कष्टार्तव और मासिक धर्म संबंधी विकारों का इलाज करता है। हृदय रोग और मासिक धर्म प्रवाह के विकारों के इलाज के लिए एक दवा का विज्ञापन करना ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज़ (आपत्तिजनक) अधिनियम, 1954 के तहत निषिद्ध है।
छापामार टीम में ये रहे शामिल
छापामार टीम में टी. राजामौली, सहायक निदेशक, हैदराबाद; वी. अजय, ड्रग्स इंस्पेक्टर, गोशामहल; सी. विवेकानन्द रेड्डी, ड्रग्स इंस्पेक्टर, यूसुफगुडा; और पी. संतोष, ड्रग्स इंस्पेक्टर, मेहदीपट्टनम शामिल रहे।