Uzbekistan Cough Syrup Row: भारत की सर्वेश्रेष्ठ दवा नियामक केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने उत्तर प्रदेश स्थित मैरियन बायोटेक से दवा के नमूनों में मिलावट की पुष्टि करते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट जारी किया है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया राजीव सिंह रघुवंशी के द्वारा अलर्ट जारी किया है, जिसमें नमूनों की गुणवत्ता परीक्षण में फेल रहे हैं। उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत (Uzbekistan Cough Syrup Row) को लेकर यह फार्मा कंपनी विवाद के केंद्र में है। बीते साल दिसंबर में, उज़्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ इस मुद्दे का विवरण शेयर किया था।

36 में से 22 सैंपल में एथिलीन ग्लाइकोल की मिलावट (Uzbekistan Cough Syrup Row)

मैरियन बायोटक का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। गौतमबुद्धनगर के ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि मैरियन बायोटेक से परीक्षण के लिए 36 में से 22 सैंपल में एथिलीन ग्लाइकोल की मिलावट पाई गई थी। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एक शाखा ने राज्य दवा नियामक अधिकारियों के साथ एक जांच की थी। अलर्ट के मुताबिक, जांच में पाया गया कि दवा के नमूने गुणवत्ता जांच में विफल रहे। दवाओं के 33 नमूनों में से 24 मानक गुणवत्ता के नहीं हैं जबकि 22 मिलावटी या नकली हैं।

बाजार में मिल रहे नकली कफ सिरप की ऐसे करें पहचान

https://medicarenews.in/news/35837

जांच के दौरान, सीडीएससीओ एनजेड आरटीडीएल, चंडीगढ़ के दवा निरीक्षकों द्वारा कुल 33 नमूने लिए गए थे, अब 30 दवाओं के नमूनों की परीक्षण रिपोर्ट अग्रेषित की गई है। जिसमें 24 नमूने मानक गुणवत्ता के नहीं थे और इन नमूनों में से ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट (एसआईसी) की धारा 17ए और 17बी के तहत 22 नमूने मिलावटी/नकली की श्रेणी में आते हैं।

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे दिल्ली स्थित दवा निर्माता माया केमटेक द्वारा निर्मित कच्चे माल के उपयोग को रोकें और सभी निर्माताओं को फर्म से खरीद बंद करने के निर्देश जारी करें।