चौसा (बिहार)। चौसा प्राथमिक स्वास्थ्य केेंद्र में आजकल एंटी एलर्जिक दवा सेट्रिजिन हर रोग का इलाज बन गई है। अगर अन्य दवा लेनी हो तो मरीज को पर्ची लेकर बाहर से खरीदनी पड़ेगी। इससे जरूरतमंद मरीजों को भारी समस्या उठानी पड़ रही है। बता दें कि इस बार बारिश में मौसम के उतार-चढ़ाव से सर्दी-जुकाम के साथ वायरल फीवर के रोगियों की संख्या में भारी इजाफा हो गया है। लेकिन, सरकारी अस्पताल रामभरोसे चल रहा है। चिकित्सक की कमी के चलते आयुर्वेदिक एवं होमियोपैथ चिकित्सक के भरोसे अस्पताल चल रहा है। ऊपर से लूज मोशन की दवा को छोड़ दें तो अन्य दवा में सेट्रिजिन एंटी एलर्जिक दवा उपलब्ध है। कोई भी रोगी इलाज के लिए आ रहे हैं तो उन्हें चिकित्सक यही दवा लिख रहे हंै। अन्य बाहर से खरीद की दवा लिखी जाती है। बताया गया है कि अस्पताल में एक माह से दवा नदारद है। कुछ दवा मिली भी है तो वह बाढ़ क्षेत्र में वितरण के लिए है। ऐसे में ओपीडी में एंटी बायोटिक, पारासिटामोल समेत लगभग 27-28 प्रकार की दवाइयों के साथ-साथ कई जरुरी दवाएं नदारद हैं। जिसके चलते मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।